लखनऊ: उत्तर प्रदेश को देश में आर्थिक महाशक्ति बनाने का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को किसानों की मेहनत को दिया. उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसान और मजदूर किसी सरकार का एजेंडा बन गए हैं. पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए एक व्यापक संतृप्ति अभियान (extensive saturation campaign)का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा, “राज्य में कुल 2.63 करोड़ किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े हैं और 55,800 करोड़ रुपये की राशि बैंक में स्थानांतरित की गई है. योजना के तहत अब तक हमारे किसानों के खाते. इसके बावजूद कुछ किसान अब भी पैसा नहीं मिलने की शिकायत करते हैं. इसलिए आधार प्रमाणीकरण की प्रक्रिया बड़े पैमाने पर शुरू की जा रही है, ताकि शत-प्रतिशत पात्र किसान इस योजना का लाभ उठा सकें.
मुख्यमंत्री ने 'दर्शन' पोर्टल का लोगो भी लॉन्च किया
सीएम योगी ने कहा कि अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि कोई अपात्र व्यक्ति सरकार की योजनाओं का दुरुपयोग न करे और कोई पात्र लाभार्थी लाभ से वंचित न रहे. अभियान 10 जून को समाप्त होगा.मुख्यमंत्री ने 'दर्शन' पोर्टल का लोगो भी लॉन्च किया, जिससे किसानों को कृषि सुविधाओं का त्वरित लाभ मिलेगा. इसने जरिए कृषि संबंधित विभिन्न अनुदान और सेवाओं के लिए किसानों का पंजीकरण शुरू किया गया.
डाकघर, कृषि एवं राजस्व विभाग के कर्मचारी गांव - गांव जाएंगे
बुधवार से प्रदेश की सभी 55 हजार ग्राम पंचायतों में यह बड़ा अभियान शुरू हो रहा है. डाकघर, कृषि एवं राजस्व विभाग के कर्मचारी पात्र किसानों को गांव-गांव योजना से जोड़ने के महाअभियान में शामिल होंगे. भूमि रिकॉर्ड को अब काफी हद तक डिजिटाइज़ कर दिया गया है, इससे उन विवादों को समाप्त किया जा सकता है जो पहले ग्रामीण यूपी में एक नियमित विशेषता थी. “पीएम स्वामित्व योजना के माध्यम से, किसानों के स्कोर को संपत्ति के स्वामित्व के अधिकार प्रदान किए गए हैं. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, उपकार के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता, उप मुख्य सचिव (कृषि) डॉ. देवेश चतुर्वेदी, कृषि विभाग के अधिकारी शामिल थे.