Lucknow: यूपी के आयुष कॉलेजों में हुए फर्जी दाखिलों और भ्रष्टाचार के मामला सीबीआई के हवाले करने के बाद कई बड़े लोगों पर शिकंजा कस सकता है. मामले में पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी सहित वरिष्ठ आईएएस अफसरों सहित अन्य लोग आरोपी हैं. जांच पड़ताल में इनसे पूछताछ किए जाने की संभावना है. वहीं साक्ष्य मिलने पर कई आरोपियों की गिरफ्तारी की जा सकती है. सीबीआई को एक अगस्त को मामले में हलफनामे पर रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश करनी है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है. अभी तक मामले की जांच एसटीएफ के हवाले थी, जिसमें कई अहम साक्ष्य मिलने की बात कही जा रही है. अब सीबीआई जांच में इसका दायरा और बढ़ सकता है. एसटीएफ को अपनी जांच पड़ताल में जो भी सबूत मिले हैं और जो लोग उसके शक के दायरे में हैं, उन सभी की पूरी जानकारी और मामले से जुड़ी फाइल वह सीबीआई के हवाले करेगी.
वहीं इस प्रकरण में आरोपी आयुर्वेद कॉलेज संचालिका डॉ. रितु गर्ग को फिलहाल कोर्ट से राहत मिली है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रितु गर्ग की जमानत मंजूर कर दी है. रितु गर्ग के खिलाफ विवेचना के दौरान कोई साक्ष्य नहीं पाए जाने के कारण जमानत दी गई है. इससे पहले उन पर आयुष कॉलेज में फर्जी दाखिले के लिए नीट पीजी 2021-22 के नतीजों में गड़बड़ी करने का आरोप था.
यूपी के इस चर्चित मामले में 2019 में आयुष कॉलेजों में यूजी-पीजी में दाखिले के लिए तत्कालीन मंत्री धर्म सिंह सैनी, तत्कालीन अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों रिश्वत लेने का आरोप है. धर्म सिंह सैनी पर तो अपने बंगले पर एक करोड़ पांच लाख रुपए लेने का आरोप लगाया गया है. वहीं प्रशांत त्रिवेदी पर 25 लाख रुपए लेने का आरोप है. कहा जा रहा है रिश्वत के रुपए ऊपर से लेकर नीचे तक हर स्तर पर बांटे गए और इस घपलेबाजी को अंजाम दिया गया.
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मामले को बेहद गंभीर करार दिया है. इसके मद्देनजर अब सीबीआई मामले की गहन पड़ताल करेगी. कोर्ट ने इस मामले को एक अगस्त को सूचीबद्ध करने का आदेश देकर उसी दिन सीबीआई को हलफनामे पर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. ऐसे में ये तारीख बेहद अहम होगी, जिसमें सीबीआई की रिपोर्ट कई आरोपियों के भविष्य का फैसला करेगी. इससे पहले उनसे गहन पूछताछ की भी संभावना है.