”नो एंट्री” के बावजूद सहारनपुर के लिए रवाना हुए कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी, हो सकते हैं गिरफ्तार

लखनऊ : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी रोक के बावजूद आज सहारनपुर के लिए रवाना हो चुके हैं. सुबह 9 बजे राजबब्बर और गुलाम नबी आजाद उनके आवास पहुंचे. सभी नेता एक साथ सहारनपुर जा रहे हैं. प्रशासन ने राहुल के हेलीकॉप्टर को सहारनपुर में उतारने की इजाजत नहीं दी है, वो सड़क मार्ग से सहारनपुर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 27, 2017 11:17 AM

लखनऊ : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी रोक के बावजूद आज सहारनपुर के लिए रवाना हो चुके हैं. सुबह 9 बजे राजबब्बर और गुलाम नबी आजाद उनके आवास पहुंचे. सभी नेता एक साथ सहारनपुर जा रहे हैं. प्रशासन ने राहुल के हेलीकॉप्टर को सहारनपुर में उतारने की इजाजत नहीं दी है, वो सड़क मार्ग से सहारनपुर जा रहे हैं. जानकारी के अनुसार राहुल गांधी के साथ सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी शामिल हो सकते हैं.

गौर हो कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पश्चिमी यूपी के सहारनपुर जिले में जाने से रोका गया है. सहारनपुर जिला प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार किया है. जिले के एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि राहुल को आने की अनुमति नहीं दी गयी है. बबलू कुमार ने एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे का स्थान लिया है, जिन्हें सहारनपुर की जातीय हिंसा और संघर्ष के मद्देनजर 24 मई को सस्पेंड कर दिया गया.

राहुल का शनिवार को हिंसाग्रस्त शब्बीरपुर गांव जाने का कार्यक्रम है. जहां पांच मई को दलितों के मकानों को आग लगायी गयी थी. बसपा सुप्रीमो मायावती सहारनपुर हो आयी हैं. उन्होंने प्रदेश सरकार पर कानून व्यवस्था बनाये रखने में विफल रहने का आरोप लगाया.

सहारनपुर में कई बार जातीय संघर्ष देखने को मिला. करीब 40 दिन पहले आंबेडकर जयंती पर जुलूस में हिंसा भड़की थी. पांच मई को दो जातियों के बीच संघर्ष में एक व्यक्ति मारा गया. 15 अन्य घायल हुए. नौ मई को दर्जनों पुलिस वाहनों को आग लगा दिया. इसमें 12 पुलिसकर्मी जख्मी हो गये, 23 मई को एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गयी.

सहारनपुर हिंसा : सुप्रीम कोर्ट का याचिका पर त्वरित सुनवाई से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने सहारनपुर में जातिगत हिंसा के सिलसिले में विशेष जांच दल (एसआइटी) से जांच कराने की मांग करनेवाली याचिका पर त्वरित सुनवाई से शुक्रवार को इनकार कर दिया. जस्टिस एल नागेश्वर राव एवं नवीन सिन्हा की अवकाश पीठ ने कहा कि सुनवाई तुरंत जरूरी नहीं है. याचिका पर अदालत के ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद भी सुनवाई हो सकती है. गौरव यादव ने इस संबंध में एक जनहित याचिका दायर की थी. कहा था कि इलाके में हालात बेहद ‘नाजुक’ हैं. इसमें न्यायिक दखल की आवश्यकता है.

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