सुलखान सिंह ने संभाला UP के DGP का पदभार, बोले – गौरक्षा के नाम पर अत्याचार व गुंडागर्दी नहीं चलेगी

लखनऊ : सुलखान सिंह ने उत्तर प्रदेश के नये डीजीपी के रूप में पदभार संभाला है. सुलखान सिंह ने पूर्व डीजीपी जावेद अहमद की जगह ली है. नये डीजीपी ने पदभार ग्रहण करने के बाद मीडिया को संबोधित किया और अपने कामकाज की प्राथमिकताएं बतायी.उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जीरो टालरेंस की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 22, 2017 12:20 PM

लखनऊ : सुलखान सिंह ने उत्तर प्रदेश के नये डीजीपी के रूप में पदभार संभाला है. सुलखान सिंह ने पूर्व डीजीपी जावेद अहमद की जगह ली है. नये डीजीपी ने पदभार ग्रहण करने के बाद मीडिया को संबोधित किया और अपने कामकाज की प्राथमिकताएं बतायी.उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जीरो टालरेंस की नीति रहेगी.

उन्होंने कहा कि जो कोई भी आपराधिक गतिविधि में शामिल होगा उसे बख्शा नहीं जायेगा, फिर चाहे वो सत्ताधारी पार्टी का हो या ना हो. हमें इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री से सख्त आदेश मिल हुए हैं. किसी भी तरह की गुंडागर्दी उत्तर प्रदेश की पुलिस बर्दाश्त नहीं करेगी और निष्पक्षता के साथ कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि हम भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनायेंगे.

एंटी रोमियो स्क्वायड के बारे में बात करते हुए सुलखान ने कहा कि सादे कपड़ों में लोग तैनात रहेंगे, जो आपत्तिजनक व्यवहार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. गौ रक्षा के नाम पर किसी को आपत्तिजनक व्यवहार की इजाजत नहीं दी जायेगी.

सुलखान सिंह ने कहा है कि पुलिस का काम जोखिम भरा है. उन्हें सप्ताह में एक दिन विश्राम मिलना चाहिए. सुलखान सिंह ने कहा कि रात में लगातार दो दिन काम करने के बाद विश्राम मिलना चाहिए. उन्होंने कहा है कि अपराधियों पर लगाम लगायेंगे. उन्होंने कहा है कि जनता के आत्मसम्मान की हम रक्षा करेंगे और क्रिमिनल केस में किसी को भी छूट नहीं दी जायेगी. उन्होंने कहा कि हम अपने आचरण व कार्य व्यवहार से लोगों को अहसास करायेंगे कि पुलिस लोगों की सुरक्षा व सहायता के लिए है. उन्होंने कहा है कि हम निष्पक्षता से काम करेंगे.


कौन हैं सुलखान सिंह?

सुलखान सिंह 1980 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं और उत्तरप्रदेश कैडर के सबसे वरिष्ठ आइपीएस अफसरों में शुमार हैं. वे टाडा में भी काम कर सके हैं. उनकी गिनती बेहद ईमानदार अफसरों में होती है. उनके पदभार संभालते ही भ्रष्ट अफसरों में खलबली मच गयी है. माना जा रहा है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें डीजीपी बनाकर सीधा संदेश दे दिया है.

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