नोटबंदी से परेशान होकर यूपी में अब तक 28 लोगों ने की खुदकुशी : सपा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी ने देश में पुराने बड़े करेंसी नोट का चलन बंद किये जाने से हलकान होकर राज्य में 28 लोगों द्वारा आत्महत्या किये जाने का दावा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गरीबों को हो रही भारी दिक्कतों को दूर करने के उपायों के बारे में विचार का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2016 10:55 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी ने देश में पुराने बड़े करेंसी नोट का चलन बंद किये जाने से हलकान होकर राज्य में 28 लोगों द्वारा आत्महत्या किये जाने का दावा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गरीबों को हो रही भारी दिक्कतों को दूर करने के उपायों के बारे में विचार का आग्रह किया है.

सपा के प्रान्तीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अपने एक ‘ट्वीट’ में कहा, ‘‘नकदी ना होने से प्रदेश में 28 लोग आत्महत्या कर चुके हैं. यह बहुत दुखद है. प्रधानमंत्री को आम जनता और किसानों के बारे में सोचना चाहिये. प्रचलित नोटों के बंद होने से पूरे देश में अनिश्चितता का माहौल बन गया है.” हालांकि शिवपाल ने यह नहीं बताया कि किन-किन जगहों पर लोगों ने आत्महत्या की है.

उन्होंने कहा ‘‘समाजवादी पार्टी प्रदेश की जनता से अपील करती है कि निराश ना हों. संकट की इस घड़ी में पूरी पार्टी प्रदेशवासियों के साथ खड़ी है.” यादव ने कहा, ‘‘रोजमर्रा की जिंदगी में छोटा-मोटा काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गये हैं. इन गरीब मजदूरों के पास ना तो बैंक खाता होता और ना ही एटीएम कार्ड. इनका जीवन पूरी तरह से नकदी पर ही आधारित होता है. इनके सामने भूखों मरने की नौबत आ गयी है. साथ ही इनका भविष्य भी अंधकारमय हो गया है. केंद्र सरकार ने अचानक करेंसी बंद करने का फैसला तो ले लिया लेकिन गरीब मजदूरों के बारे में कुछ नहीं सोचा.”

शिवपाल का बयान ऐसे वक्त आया है जब 500 और हजार रुपये के पुराने नोटों के विमुद्रीकरण के बाद जनता बैंक शाखाओं और एटीएम केंद्रों के बाहर खड़ी है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस मसले पर अपना रख पहले ही स्पष्ट करते हुए केंद्र के इस कदम की लगातार आलोचना कर रहे हैं. उन्होंने कल कहा था कि जिस सरकार ने गरीब को तकलीफ दी, उसे जनता ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. ‘‘मोदी सरकार ने आम आदमी को गहरी पीड़ा दी है.”

अखिलेश का मानना है कि नोटबंदी से काला धन रोकने का उद्देश्य हल नहीं होगा. केवल पांच सौ और हजार के नोट बंद करने से ये समस्या दूर होने वाली नहीं है, जिनके पास हजार और पांच सौ के नोट हैं, वे अब दो हजार रुपये के नोट का इंतजार कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को पिछले दिनों पत्र लिखकर आग्रह किया था कि निजी अस्पतालों और दवा की दुकानों पर पांच सौ और हजार रुपये के नोट 30 नवम्बर तक चलाने की अनुमति दी जाए ताकि गरीबों को चिकित्सकीय सुविधा सुनिश्चित की जा सके.

उन्होंने इससे पहले सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे जनता खासकर ग्रामीण इलाके के लोगों को नये करेंसी नोट उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय बैंक अधिकारियों से तालमेल कर जरुरी व्यवस्था सुनिश्चित करें.