लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने गोरक्षा की आड़ में अराजकता के मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान पर असंतोष जाहिर करते हुए आज कहा कि सिर्फ बातें करने से काम नहीं होगा और हालात सुधारने के लिये ठोस कार्रवाई करनी होगी. शीला ने कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस में एक सवाल पर कहा ‘मैं प्रधानमंत्री के बयान से संतुष्ट नहीं हूं. हमारे पास करने के लिये और भी कई महत्वपूर्ण काम हैं. मैंने गायों को सडकों पर घूमते हुए देखा है और उन्हें कोई पूछता तक नहीं.’
उन्होंने कहा ‘गोरक्षा के लिये गो-शालाएं बनानी चाहिये. उन्हें भी सुरक्षित रहने का अधिकार है. बातों से काम नहीं होगा. कुछ जमीन पर भी करना पडेगा.’ मालूम हो कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के उना कस्बे में कथित गोरक्षकों द्वारा मरे हुए जानवरों की खाल उतारने वाले दलितों की बर्बरतापूर्ण पिटाई तथा कुछ अन्य क्षेत्रों में हुई घटनाओं पर चुप्पी तोडते हुए उनका चिट्ठा तैयार करने की बात कही थी. उन्होंने ‘फर्जी’ गोरक्षकों से सचेत रहने की सलाह देते हुए कहा था कि ऐसे लोग समाज और देश को बांटना चाहते हैं. राज्य सरकारें उन्हें कडा दंड दें.
दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकी शीला ने कहा कि केंद्र की पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में जितना विकास हुआ था, वैसा मोदी के कोरे भाषणों के दौर में कहीं नहीं दिख रहा है. यही हालत उत्तर प्रदेश की भी हो गयी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश में पूरी मजबूती से वापस आ रही है. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की हाल में वाराणसी में हुई रैली ऐतिहासिक थी. चूंकि वह प्रधानमंत्री का क्षेत्र है और वहां सोनिया की रैली में इतनी विशाल भीड का इकट्ठा होना यह जाहिर करता है कि जनता में मोदी के प्रति कितनी निराशा भरी है.