मुजफ्फरनगर : स्थानीय खुफिया इकाई के एक निरीक्षक का 2013 के सांप्रदायिक दंगोें से जुड़ी जांच आयोग की रिपोर्ट आने के बाद तबादला कर दिया गया है. रिपोर्ट में निरीक्षक को सही जानकारी ना देने का दोषी बताया गया है.निरीक्षक प्रबल प्रताप सिंह को 2013 दंगों के दौरान कानूनी खुफिया इकाई (एलआइयू) में तैनात किया गया था. दंगों में मुजफ्फरनगर और आसपास के जिलों में 60 से अधिक लोग मारे गए थे और हजारों अन्य विस्थापित हो गए.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक केबी सिंह के अनुसार अरुण कुमार यहां एलआइयू में नए प्रभारी होंगे.
छह मार्च को राज्य विधानसभा में पेश की गयी न्यायमूर्ति विष्णु सहाय आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि खुफिया नाकामी और पुलिस की ढिलाई के कारण हिंसा हुई. यह रिपोर्ट छह मार्च को राज्य विधानसभा के पटल पर रखी गयी. आयोग ने कहा कि 27 अगस्त, 2013 को कवल नगर में अल्पसंख्यक समुदाय के एक युवक की हत्या के बाद सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण के चलते हिंसा शुरू हुई. दो लोगों ने युवक की हत्या की थी.
आयोग ने कहा कि प्रबल प्रताप सिंह मंदौर में महापंचायत के लिए गए लोगों की सही संख्या बताने में नाकाम रहे जिसके बाद दंगे शुरू हुए. महापंचायत से लौट रहे हिन्दुओं खासकर जाटों पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कथितरूप से हमला किया जिसके बाद तनाव और बढ़ गया.