नोएडा : दादरी के बिसाहड़ा गांव में आठ दिन पहले भीड़ ने एक युवक अखलाक को पीट-पीटकर मार डाला था. इस मामले में मीडिया में खबर आ रही है कि मृतक अखलाक एक साल पहले पाकिस्तान गया था जहां उसने करीब ढाई महीने बिताया था. बताया जा रहा है कि अखलाक ने पाकिस्तान से वापस आकर एक कार खरीदी थी जिस कारण लोग उसे शक की निगाह से देखते थे. खबर है कि अखलाक के परिवार ने भारत-पाकिस्तान बंटवारे का दंश झेला है जिस कारण उसके परिवार के कुछ सदस्य पाकिस्तान में रहते हैं जिनसे वह करीब एक साल पहले मिलने गया था.
मौसी से मिलने पाकिस्तान गया थाअखलाक
मीडिया में चल रही खबर के अनुसार अखलाक की हत्या के पीछे उसका पाकिस्तान जाना भी एक कारण हो सकता है. अखलाक के परिवार का कहना है कि अखलाक की मौसी पाकिस्तान में रहती है जिनसे वह मिलने गए थे. इधर एडीएम ने कहा है कि इस संबंध में प्रशासन को जानकारी नहीं है. इस मामले में जांच की जाएगी. अखलाक के भाई और भाजपा नेता संजय राणा के बीच बचपन की दोस्ती थी. आपको बता दें कि संजय राणा का बेटा विशाल इस मामले का आरोपी है. संजय राणा ने कहा कि पाकिस्तान से आने के बाद अखलाक मस्जिद में सभाएं करने लगा था इसलिए उनको समय कम मिलता था. संजय और अखलाक के परिवार के बीच काफी करीबी संबंध रहे हैं.
सात आरोपियों का संजय राणा से संबंध
नोएडा के बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर की रात भीड़ के द्वारा मुहम्मद अखलाक की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में पुलिस ने जिन 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है जिसमें सात लोग एक ही परिवार के हैं. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में सोमवार को छपी खबर के मुताबिक ये सात लोग भाजपा कार्यकर्ता संजय राणा के परिवार से संबंध रखते हैं. इन आरोपियों में उनका बेटा विशाल राणा भी शामिल है जिसे पुलिस ने पिछले दिनों ही गिरफ्तार किया था. सभी आरोपियों की उम्र 18 से 24 साल के बीच बतायी जा रही है.
क्या है मामला
28 सितंबर को गौमांस खाने की अफवाह के बाद अखलाक की पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी. अखलाक का छोटा बेटा दानिश भीड के हमले में गंभीर रुप से घायल हुआ. इस परिवार पर बीफ पकाने को लेकर हमला किया गया था. इस घटना के बाद नेताओं की ओर से कई विवादित बयान अबतक आ चुके हैं और मामले पर राजनीति काफी गर्म है. राज्य सरकार ने अखलाक के परिवार को मुआवजे के तौर पर 45 लाख की राशि सौंपी है.