लखनउ : सहायक अध्यापक पद पर समायोजन को रद्द करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय के विरोध में आज उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में शिक्षामित्रों ने स्कूल बंद करके प्रदर्शन किया. कन्नौज में इन कर्मियों ने जहां ट्रेन रोकी वहीं सम्भल में ज्ञापन देकर राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री से इच्छामृत्यु की अनुमति की गुहार लगायी.
राजधानी लखनउ में शिक्षामित्रों ने अनेक प्राथमिक पाठशालाओं में तालाबंदी की और शिक्षा नीति से जुडी बैठक में शिरकत करने के लिए राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय पहुंची केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी का ध्यान आकृष्ट करने के लिए उसके मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया.
सम्भल से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले में शिक्षामित्रों ने विभिन्न प्राथमिक पाठशालाओं में तालाबंदी की और हाथों में काली पट्टी बांधकर जिलाधिकारी तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी की.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ तथा शिक्षामित्र वेलफेयर संघ के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को संयुक्त रूप से भेजे गये ज्ञापन में कहा है कि प्राथमिक पाठशालाओं में सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन के जरिये उन्हें नौकरी मिली थी, जिस पर उनके पूरे परिवार का भरण-पोषण निर्भर था. अब उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है, लिहाजा उन्हें इच्छामृत्यु की इजाजत दी जाए.
इस बीच, कन्नौज से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक समायोजन रद्द करने के अदालती आदेश के विरोध में सैकडों शिक्षामित्रों ने सदर ब्लाक संसाधन केंद्र में तालाबंदी कर सभा की और कन्नौज रेलवे स्टेशन के पास पटरियों पर बैठकर रेल यातायात ठप कर दिया. इससे छपरा-फर्रखाबाद एक्सप्रेस तथा इलाहाबाद पैसेंजर समेत चार ट्रेनों को जहां-तहां रोकना पडा. इससे करीब चार घंटे तक रेल यातायात बाधित रहा.
बाद में सांसद डिम्पल यादव के प्रतिनिधि नवाब सिंह यादव तथा अपर जिलाधिकारी रमेश चन्द्र यादव ने मौके पर पहुंचकर कहा कि प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार शिक्षामित्रों के साथ है और वह उच्च न्यायालय के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी.
रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षामित्रों की हडताल के कारण जिले के करीब 40 प्रतिशत प्राथमिक स्कूल बंद रहे. पल्स पोलियो अभियान का काम भी प्रभावित हुआ.
गोंडा से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद्द होने से आहत शिक्षामित्रों ने आज शिक्षण कार्य का बहिष्कार करते हुए गांधी पार्क में धरना-प्रदर्शन किया. इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भेजकर उनके समायोजन में आ रही बाधाओं को दूर करने या इच्छामृत्यु की इजाजत देने की मांग की.
उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र संघ के देवीपाटन मण्डल के अध्यक्ष रामलाल साहू ने बताया कि न्यायालय के फैसले के खिलाफ संघ के प्रान्तीय नेतृत्व के आह्वान पर शिक्षामित्रों ने दो दिन तक स्कूलों में तालाबंदी करके शिक्षण कार्य से विरत रहने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि समायोजन निरस्त होने के कारण प्रदेश के एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों के सामने आजीविका की समस्या खडी हो गयी है. इसके अलावा ज्यादातर शिक्षामित्रों की उम्र सरकारी नौकरी पाने लिए निर्धारित आयु से ज्यादा हो चुकी है, लिहाजा वे दोराहे पर खडे हो गये हैं.
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गत शनिवार को राज्य सरकार को तगडा झटका देते हुए प्रदेश के एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक के पदों पर समायोजन निरस्त करने के आदेश दिये थे.