भाजपा की सहयोगी सुभासपा ने मोदी, राजनाथ के खिलाफ प्रत्याशी उतारे, 39 उम्मीदवारों की सूची जारी की

लखनऊ : उप्र में भारतीय जनता पार्टी सरकार की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने प्रदेश में 39 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की सूची मंगलवार को जारी कर दी. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी सीट, गृह मंत्री राजनाथ सिंह की लखनऊ सीट और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परंपरागत सीट गोरखपुर भी शामिल है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 16, 2019 4:37 PM

लखनऊ : उप्र में भारतीय जनता पार्टी सरकार की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने प्रदेश में 39 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की सूची मंगलवार को जारी कर दी. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी सीट, गृह मंत्री राजनाथ सिंह की लखनऊ सीट और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परंपरागत सीट गोरखपुर भी शामिल है.

सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भाजपा नेताओं से लोकसभा सीटों के बंटवारे पर कई दौर की बात हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. अंत में भाजपा के नेताओं ने प्रस्ताव रखा कि घोसी लोकसभा सीट से मुझे उनके चुनाव चिह्न कमल पर लोकसभा चुनाव लड़ना होगा जिसको मैंने सिरे से खारिज कर दिया. चाहे समाजवादी पार्टी हो, या बहुजन समाज पार्टी या कांग्रेस या भारतीय जनता पार्टी किसी ने भी हमारे समाज को प्रतिनिधित्व नहीं दिया. मैं अपने पिछड़े, दबे, शोषित समाज के सम्मान के लिए अपनी पार्टी के 39 उम्मीदवारों की घोषणा कर रहा हूं. उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के पहले चरण के चुनाव में आठ लोकसभा सीटों पर हमारे समाज के लोगो ने ‘नोटा’ का बटन दबाया. अब हमने पांचवें, छठे और सातवें चरण के चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं.

सुभासपा द्वारा जारी लोकसभा की 39 सीटों में धौरहरा, सीतापुर, मोहनलालगंज (सु),लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, बांदा, फतेहपुर,फूलपुर, इलाहाबाद, बाराबंकी (सु), फैजाबाद, अंबेदकरनगर, कैसरगंज, श्रावस्ती, गोंडा, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगाव (सु), लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर (सु), घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, भदोही, मिर्जापुर और राबर्टसगंज (सु) सीटें शामिल हैं. राजभर ने कहा कि 2017 का विधानसभा चुनाव सुभासपा और भाजपा ने मिलकर लड़ा था और सुभासपा और भाजपा के आपसी सहयोग से गठबंधन को करीब 125 सीटों पर जीत हासिल हुई.

2019 का लोकसभा चुनाव भी सुभासपा की भाजपा के साथ मिलकर लड़ने की इच्छा थी, लेकिन भाजपा ने अपना दल से तो समझौता कर लिया, लेकिन सुभासपा को एक भी सीट भी नहीं दी गयी. उन्होंने कहा, हमसे भाजपा केबड़े नेताओं ने कहा कि भाजपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव लडूं, लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं ने ऐसा करने से मना कर दिया क्योंकि यह हमारे समाज के सम्मान के खिलाफ था. राजभर ने कहा कि हम तो मंत्रिमंडल से भी इस्तीफा देने को तैयार हैं और हमारा इस्तीफा भी टाइप किया हुआ रखा है, लेकिन कोई लेने को ही तैयार नहीं . उनसे पूछा गया कि अगर इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया तो अगला कदम क्या होगा इस पर उन्होंने जवाब दिया कि अभी तो हम लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं और इसमें भाजपा के खिलाफ अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतार रहे हैं. आगे विधानसभा चुनाव में क्या होगा इस बारे में सोचा नहीं है, क्योंकि उसमें अभी काफी देर है. सुभासपा ने वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सिद्धार्थ राजभर को, लखनऊ से गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ बब्बन राजभर और गोरखपुर से फिल्म अभिनेता रवि किशन के खिलाफ राधेश्याम सैंथवार को मैदान में उतारा है.

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