लोकसभा चुनाव की तैयारी में कांग्रेस, संगठन में होंगे बड़े बदलाव

हरीश तिवारी लखनऊ : राज्य में अपने अस्तित्व के लिए जूझ रही कांग्रेस पार्टी बहुत जल्द ही अपने जिला स्तरीय संगठन को मजबूती देने के लिए फेरबदल करने जा रही है. इस फेरबदल से ज्यादातर जिलों के अध्यक्ष बदल जाएंगे. इसके साथ ही अधिकतर शहर अध्यक्षों में भी फेरबदल संभव है. बहरहाल पार्टी जिलों की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 16, 2018 11:31 AM

हरीश तिवारी

लखनऊ : राज्य में अपने अस्तित्व के लिए जूझ रही कांग्रेस पार्टी बहुत जल्द ही अपने जिला स्तरीय संगठन को मजबूती देने के लिए फेरबदल करने जा रही है. इस फेरबदल से ज्यादातर जिलों के अध्यक्ष बदल जाएंगे. इसके साथ ही अधिकतर शहर अध्यक्षों में भी फेरबदल संभव है.
बहरहाल पार्टी जिलों की कमान ऐसे सक्रिय सदस्यों को देने का मन बना रही है जो पार्टी के लिए मजबूती से काम कर सकें और मजबूत साथियों के साथ अपनी टीम खड़ी कर सकें.
पार्टी की ओर से यह तैयारी आने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर की जा रही है. कांग्रेस पार्टी इस समय अपने संगठन को मजबूत करने में जुटी है ताकि वह वर्ष-2019 के लोकसभा चुनाव में पूरी ताकत के साथ उतर सके.कांग्रेस हाई कमान अच्छी तरह जानता है कि प्रदेश में मजबूत जनाधार नहीं है लेकिन फिर भी पार्टी के लोग प्रदेश में सक्रिय लोगों को संगठन से जोड़ने का पूरा प्रयास कर रहे हैं ताकि वह पार्टी की नीतियों पर ठीक से काम कर सकें और जनता के बीच पार्टी की छवि को सुधार सकें. इसके तहत प्रदेश नेतृत्व जल्द ही अपने जिला व शहर अध्यक्षों में फेरबदल करेगा.
पार्टी नेतृत्व का मानना है कि प्रदेश के कई जिलों में ऐसे जिलाध्यक्ष हैं जो पद का दायित्व निष्ठा व ईमानदारी के साथ नहीं निभा रहे हैं. कुछ शहर अध्यक्ष भी इस श्रेणी में आ रहे हैं. इन लोगों की शिकायतें भी आये दिन पार्टी नेतृत्व को मिलती रहती हैं. ऐसे में पार्टी नेतृत्व में इनके फेरबदल का पूरा मन बना लिया गया है . यह माना जा रहा है कि प्रदेश के लगभग आधे से ज्यादा जिलों के जिलाध्यक्ष व शहर अध्यक्ष इस परिवर्तन का शिकार होंगे.पार्टी इन जिलों में अपने सक्रिय सदस्यों को चिह्नित भी कर रही है ताकि उन्हें जिला व शहर की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सके.
ऐसे लोगों को सूचीबद्ध भी किया जा रहा है. हालांकि इस परिवर्तन में कुछ जिलों में पुराने जिलाध्यक्ष व शहर अध्यक्ष बच भी रहे हैं. पार्टी उनकी सक्रियता से प्रभावित है ऐसे में उनको इस परिवर्तन से अलग रखा जा रहा है.इससे पहले पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने प्रदेश के मीडिया विभाग को भंग करते हुए नयी कमेटी का गठन किया है ताकि पार्टी की बात को प्रिन्ट व इलेक्ट्रानिक मीडिया में ठीक से प्रस्तुत किया जा सके. इसके साथ ही प्रदेश कार्यालय के संगठन, वित्त, प्रशासनिक कमेटी को भी भंग कर दिया है. इनके स्थान पर दूसरे कार्यकर्ताओं को सक्रिय मानकर जिम्मेदारी दी गयी है.

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