लखनऊ : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश की गोरखपुर जिला जेल में चार महीने के दौरान 24 कैदियों के एचआईवी पाजिटिव पाये जाने की मीडिया खबर पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. इसके लिए आयोग ने छह सप्ताह का समय दिया है. आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और महानिरीक्षक (कारागार) को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. साथ ही पूछा गया है कि इस स्थिति से निपटने के लिए क्या कदम उठाये गये.
विज्ञप्ति में कहा गया कि इस संबंध में, अगर मीडिया खबर सही है, तो उत्तर प्रदेश की जेलों की बदहाली के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है. कैदियों में एचआईवी संक्रमण कैसे फैला, इसकी वजह का पता लगाने के लिए तत्काल जांच की आवश्यकता है. तत्काल एहतियाती उपाय भी जरूरी है ताकि अन्य कैदी संक्रमित न होने पाएं. संक्रमित कैदियों को आवश्यक चिकित्सकीय उपचार मुहैया कराया जाये.
मीडिया में 28 फरवरी को आयी खबर के मुताबिक जेल प्रशासन ने दावा किया है कि बीमारी जेल के भीतर नहीं फैली. कैदी जब जेल में आये थे, तभी संक्रमण के शिकार थे. उनमें से अधिकांश मादक द्रव्यों से जुड़े कानून के तहत जेल की सजा पाये थे. पिछले साल अक्तूबर में उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी की पहल पर एचआईवी का पता लगाने के लिए बंदियों का रक्त परीक्षण कराया गया था. संक्रमित लोगों में 21 विचाराधीन कैदी और एक महिला सहित तीन सजायाफ्ता कैदी हैं.