कानपुर देहात: एसडीएम सहित अन्य पर FIR के बावजूद ग्रामीण आक्रोशित, नहीं उठने दे रहे मां-बेटी के जले शव…

Kanpur Dehat: कानपुर देहात में कब्जा हटाने के दौरान मां बेटी की जलकर मौत शासन के निर्देश पर अफसर पीड़ित पक्ष को मनाने में जुटे हैं. अफसरों पर एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है. हालांकि जले ही शव अभी भी मौके पर ही हैं. ग्रामीण आरोपियों की गिरफ्तारी तक उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेजने से इनकार कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar | February 14, 2023 12:46 PM

Kanpur Dehat: प्रदेश के कानपुर देहात जनपद में जमीन से कब्जा हटाने के मां-बेटी के जिंदा जलने के मामले में अब बड़ी कार्रवाई की गई है. इस अग्निकांड को लेकर विपक्ष जहां सरकार पर हमलावर तेवर अपनाए हुए वहीं पीड़ित पक्ष ने भी अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इसके बाद देर रात तक जहां प्रशासन और पुलिस के आलाधिकारी मौके पर डरे रहे, वहीं अब मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. हालांकि इसके बाद भी पीड़ित परिवार और ग्रामीणों की नाराजगी कम नहीं हुई और वह जले हुए शवों को पोस्टमार्टम के लिए मौके से नहीं ले जाने दे रहे हैं. परिजनों और ग्रामीणों ने 5 करोड़ मुआवजा, सरकारी नौकरी सहित अन्य मांगें की है.

बेटे की तहरीर पर दर्ज हुई एफआईआर

कानपुर देहात जनपद में रूरा थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव में हुई घटना के बाद ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए पीड़ित के बेटे शिवम की तहरीर पर एसडीएम मैथा, लेखपाल, एसओ सहित करीब 24 लोगों पर हत्या व हत्या के प्रयास, आग लगाने सहित कई गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर कई अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

इन लोगों को किया गया नामजद

जिन अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है, उनमें एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, रूरा एसओ दिनेश कुमार गौतम, लेखपाल अशोक सिंह, जेसीबी ड्राइवर दीपक, मड़ौली गांव के निवासी अशोक, अनिल, निर्मल और विशाल हैं. साथ ही 10 से 12 अज्ञात लोगों, तीन लेखपाल और 12 से 15 महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है.

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पूर्वजों के जमीन पर रहने का दिया हवाला

पीड़ित परिवार ने पुलिस को शिकायत देते हुए बताया कि जिस जमीन पर प्रशासनिक अधिकारी बुलडोजर चलाने आए थे, उस जमीन पर उनके पूर्वज बगीचा बनाकर रहते थे. पीड़ित परिवार के मुताबिक इस जमीन पर करीब 100 सालों से उनका पूरा परिवार रहता आया है. पूर्वजों ने इसी जमीन के जरिए अपना पालन पोषण किया है.

मिन्नतें करने के बाद भी नहीं पसीजे अफसर

पीड़ित परिवार ने बताया कि सोमवार को उपजिलाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल, कानूनगो, एसएचओ समेत करीब 40 लोगों ने उनका घर तोड़ने का प्रयास किया. परिवार के सदस्यों ने अधिकारियों को अपने लंबे समय से संबंधित जमीन पर रहने की दलील दी और मिन्नतें कीं. पूर्वजों के बगीचा बनाकर इसे विकसित करने का हवाला दिया. ये भी कहा कि इसके बाद करीब 20 साल पहले पूरा परिवार यहां पर पक्का मकान बनाकर रहने लगा. लेकिन किसी भी अधिकारी ने नहीं सुनी और दर्दनाक हादसा हो गया.

5 करोड़ मुआवजा, सरकारी नौकरी सहित ये मांग की

परिजनों और ग्रामीणों ने 5 करोड़ मुआवजा, सरकारी नौकरी और जमीन के पट्टे के साथ सभी आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग की है. घटना के बाद से ही गांव में तनाव का माहौल है. इसलिए अधिकारी लोगों से संवाद कायम करने में लगे हैं. वहीं मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

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