Bareilly: सियासी दल लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटे हैं. सभी की निगाह यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर हैं. हालांकि, यूपी की 80 में से 64 सीट पर भाजपा का कब्जा है. मगर, इस बार कांग्रेस, सपा, और बसपा भी अधिक से अधिक सीट जीतने की कोशिश में जुटी हैं. इसके साथ ही नेता भी लोकसभा पहुंचने को सीटों की तलाश कर रहे हैं, जिसके चलते सपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य की निगाह बरेली की आंवला लोकसभा सीट पर लगी है.
आंवला लोकसभा सीट के जातीय समीकरण
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने करीबियों के सहारे आंवला लोकसभा सीट की नब्ज टटोलनी शुरू कर दी है. आंवला लोकसभा सीट पर 2 लाख से अधिक मौर्य, 2.50 लाख यादव, और करीब 6 लाख मुस्लिम वोट है. यह करीब 10 लाख वोट हैं, जो सपा प्रत्याशी को मिलने की उम्मीद है. इसी को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की निगाह आंवला लोकसभा सीट पर लगी है.
संघमित्रा मौर्य के यहां से चुनाव लड़ने की संभावना
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य पड़ोसी सीट बदायूं लोकसभा से भाजपा से सांसद हैं. मगर, उनके बदायूं से हटने की उम्मीद जताई जा रही. क्योंकि भाजपा उनका टिकट काट रही है. इसलिए पहले संघमित्रा मौर्य आंवला से चुनाव लड़ने की तैयारी में थीं. मगर, वह खुद के लिए आंवला सीट को सुरक्षित नहीं मान रही हैं. इसलिए फर्रुखाबाद, या एटा सीट से लड़ सकती हैं. इन दोनों ही सीट पर मौर्य- शाक्य वोट बड़ी संख्या में है. यहां आसानी से चुनाव जीतकर दिल्ली पहुंचा जा सकता है. सांसद संघमित्रा मौर्य के भी सपा के टिकट पर ही चुनाव लड़ने की उम्मीद है.
भाजपा के पास दोनों सीट
एटा, और फर्रुखाबाद लोकसभा सीट भाजपा के पास हैं. यहां सपा प्रत्याशियों की लंबे अंतर से हार हुई थी. मगर, सपा के टिकट पर मौर्य शाक्य प्रत्याशी लड़ने से चुनाव जीतने की उम्मीद है.
रामचरित्रमानस को लेकर तेवर पड़े ठंडे
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरित्रमानस की एक चौपाई को लेकर सवाल उठा रहे थे. उन्होंने चौपाई हटाने की मांग की थी. मगर, अब वह धीरे धीरे इस मुद्दे से हट गए हैं. हालांकि, उन पर मुकदमा दर्ज हो चुका है. वहीं लखनऊ में एक न्यूज चैनल के कार्यकम में उनका अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास से विवाद भी हुआ था. इसे लेकर उन्होंने शिकायत की थी.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली