बरेली. मुसलमानों के सबसे मुकद्दस महीने रमजान का आगाज करीब 19 दिन बाद हो जाएगा. इससे पहले शब-ए-बरात 7 मार्च को है. होली से एक दिन पहले पड़ने वाले इस त्योहार को लेकर बरेली जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है. होली (8 मार्च) और शब ए बरात (7 मार्च) दोनों त्योहार एक साथ होने से पुलिस की मुस्तैदी बढ़ा दी गयी है. अराजक तत्वों पर नजर रखी जा रही है. साफ- सफाई और पीस कमेटी के साथ बैठकें की जा रही हैं.
शाबान महीने की 15 तारीख को कहते हैं शब-ए-बरात
इस्लामिक महीने शाबान महीने की 15 तारीख यानी 15 वीं रात को शब-ए-बरात कहा जाता है. इस रात में अल्लाह अपने बंदों के गुनाहों को माफ करता है यानी इस दिन जो भी अल्लाह से सच्चे दिल से मगफिरत (तौबा) मांगता है. उसको माफ कर दिया जाता है.ऐसा कई हदीस (इस्लाम में कुरान के बाद सबसे पवित्र और अहम किताब) में जिक्र किया गया है.एक हदीस में जिक्र है कि इसी रात को दुनिया में रहने वाले लोगों की जिंदगी-मौत का फैसला होता है.ऐसे में इस्लाम में इस रात का बहुत अहमियत है, और यही वजह है कि अधिकतर मुसलमान रातभर जागकर अल्लाह की इबादत करते हैं.शब- ए- बरात को मस्जिद, और कब्रिस्तान को लाइट की रोशनी से सजाया जाता है.
शाबान इस्लामिक 8 वा महीना
इस्लाम में माह-ए-शाबान बहुत मुबारक महीना माना जाता है.यह दीन-ए-इस्लाम का आठवां महीना होता है. कहा जाता है कि शब-ए-बारात में इबादत करने वाले लोगों के सारे गुनाह माफ हो जाते हैं.