UP BJP: नए संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह के लिए चुनौतियां हैं अपार, केंद्रीय नेतृत्व ने क्यों दिया यह प्रभार?

इस पद पर आने से पहले धर्मपाल सिंह उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, ब्रज और पूर्वी यूपी के संगठन मंत्री रह चुके हैं. यूपी के ब्रज और पूर्वी क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने का जिम्मा उठा सकने के कारण केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर पूरा भरोसा जताया है.

By Neeraj Tiwari | August 11, 2022 2:12 PM

Who Is Dharampal Singh: भारतीय जनता पार्टी को एक ऐसा राजनीतिक दल कहा जाता है जो हमेशा ही चुनाव की तैयारी में मशगूल रहती है. यूपी में इस पार्टी ने साल 2014 के बाद ऐसी पैठ बनाई कि सपा और बसपा सहित कांग्रेस पार्टी चारों खाने चित होती नजर आई. वहीं, लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी का प्रदर्शन ऐतिहासिक दर्ज किया. इन उपलब्धियों के लिए प्रदेश के संगठन मंत्री सुनील बंसल को मुख्य चेहरा माना जाता है. उनकी इसी उपलब्धि को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने उन्हें तरक्की देते हुए राष्ट्रीय संगठन मंत्री का जिम्मा सौंप दिया है. उनकी जगह पर झारखंड में भाजपा के संगठन मंत्री रहे धर्मपाल सिंह को यूपी में बीजेपी के संगठन मंत्री का पद दिया गया है. मगर उनके लिए भी चुनौतियां कम नहीं हैं.

यूपी की राजनीति में रचने होंगे नए ‘कीर्तिमान’

यूपी के बिजनौर में जन्मे धर्मपाल सिंह पर पार्टी ने गहरा भरोसा जताया है. मगर उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है पूर्व संगठन मंत्री सुनील बंसल की खींची हुई लकीर से हटकर नए कीर्तिमान स्थापित करना. सपा और बसपा के खिलाफ रणनीति बनाने और सूबे की जमीनी राजनीति को समझने के लिए उनके पास पर्याप्त समय नहीं है. हाल ही में नगर निकाय चुनाव होने हैं. इस चुनाव के माध्यम से ही उन्हें अपने रणनीतिक कौशल को साबित करना होगा. इसके साथ ही प्रदेश में साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भी उन्हें विशेष तैयारी करनी होगी. हालांकि, इस पद पर आने से पहले वह उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, ब्रज और पूर्वी यूपी के संगठन मंत्री रह चुके हैं. यूपी के ब्रज और पूर्वी क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने का जिम्मा उठा सकने के कारण केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर पूरा भरोसा जताया है. अब देखना है कि वे इन चुनौतियों को पार करने में कितने कारगर साबित होते हैं?

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बीजेपी केंद्रीय संगठन ने क्यों जताया भरोसा? 

दरअसल, साल 2022 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें वाराणसी जनपद में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी दी थी. नतीजतन, वाराणसी जिले की सभी आठ सीटों के परिणाम बीजेपी के पक्ष में आए. आठों सीट पर बीजेपी और उसके सहयोगी दल ने जीत दर्ज की. बीजेपी को जहां सात सीट मिली वहीं सहयोगी ‘अपना दल’ ने एक सीट पर जीत दर्ज की. बीजेपी को वाराणसी दक्षिणी, वाराणसी उत्तरी, , वाराणसी कैंट, शिवपुर, पिंडरा, अजगरा और सेवापुरी सीट में जीत हासिल हुई है जबकि सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) को रोहनिया सीट पर जीत मिली है. सूत्रों के मुताबिक, इन परिणामों को दिलाने में धर्मपाल सिंह ने अहम रणनीति बनाई थी. यही कारण है कि उन पर पार्टी ने यूपी का जिम्मा सौंप दिया है.

कौन हैं यूपी बीजेपी के नए संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह?

  • मूलरूप से यूपी के बिजनौर के रहने वाले धर्मपाल ने यहां संगठन की कई जिम्मेदारियां निभाई हैं.

  • धर्मपाल ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी ज्वाइन की थी.

    वर्ष 1990 में नौकरी से त्यागपत्र दे दिया.

  • इसके बाद वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के लिए पूर्णकालिक सेवा में जुट गए.

  • धर्मपाल 1990 से छात्र परिषद में पूर्णकालिक छात्र थे. फिर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के संयुक्त क्षेत्रीय संगठन मंत्री का पद संभाला.

  • वे उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, ब्रज और पूर्वी यूपी के संगठन मंत्री रह चुके हैं.

  • साल 2017 में जब धर्मपाल को झारखंड के राज्य महासचिव के रूप में भेजा गया था, तब तक वे विद्यार्थी परिषद के पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के संयुक्त क्षेत्र संगठन मंत्री थे.

  • 2017 से पहले वे विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की योजना के तहत पूरे राज्य का भ्रमण कर चुके हैं.

  • साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में प्रबंधन के लिए उन्हें नियुक्त किया गया था.

  • वर्ष 2021 में असम में धर्मपाल सिंह को विधानसभा चुनाव का जिम्मा सौंपा गया.

  • फिर 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें काशी क्षेत्र में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी दी थी.

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