Varanasi News: सपा के पूर्व मंत्री और विधायक ओमप्रकाश सिंह मीडिया से बातचीत करते हुए बीजेपी सरकार पर खूब बरसे. उन्होंने सपा कार्यकर्ताओं को जिला प्रशासन द्वारा प्रताड़ित करने की बात कही. अजान बनाम हनुमान वाले सवाल पर ओमप्रकाश सिंह ने कहा, ‘सरकार अपनी कमियों को छुपा कर प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैला रही है. हमारे राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं. इनके राम हिंसक राम हैं. ये राम तो मोहन भागवत, नरेंद्र मोदी और अमित शाह के राम हैं जो कि त्रिशूल और भाला लेकर चलते हैं. हम बीजेपी के खिलाफ आवाज उठाएंगे और घर से लेकर सड़क तक की लड़ाई लड़ेंगे.’
वीडियो से हो रही धरपकड़ पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि ये सरकार इतना बड़ा जुर्म कर रही है कि अंग्रेज का जुल्म भी इनके आगे फीका पड़ गया है. सपा के हमारे जिम्मेदार साथियों को उठाकर जेल में बंद कर देना. रमजान में एक ही समाज के 22 मुस्लिम भाइयों को जेल में बंद करना. ये सब यही साबित करता है कि जुल्म की इंतहा हो चुकी है. हमने प्रभारी से बात कर ये कहा कि ये सब सरासर गलत है. यदि इस मामले में कोई वीडियो है सरकार के पास तो उसे सार्वजनिक करे. जब चाहे तब ये लोग वीडियो बना लेंगे क्या? कम से न्यायालय में पेशकर उसकी जांच कराकर ये तो बताएं कि इस वीडियो में है कौन? उन्होंने आगे कहा कि ये लोग वीडियो देखकर नाम पता कर ले रहे हैं. इतने जानकार हैं ये? एक चोर तो ये सरकार के लोग पकड़ नहीं पा रहे हैं और वीडियो के द्वारा नाम पता करने की बात कर रहे हैं. चोरी-छिनैती, हत्या हो रही है, उसके अपराधी नहीं पकड़े जा रहे हैं मगर वीडियो के आधार पर सपा के कार्यकर्ताओं को पकड़ ले रहे हैं. ये अन्याय है.
‘घर से लेकर सड़क तक इस मुद्दे को उठाएंगे’
जिला प्रशासन सपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न कर रही हैं. ये हम लोग को प्रताड़ित कर रहे हैं. इसके खिलाफ राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशन पर प्रदेश अध्यक्ष द्वारा एक कमेटी बनाई गई है. कमेटी में हम 5 लोगों को, जिसमें ओमप्रकाश सिंह, प्रभुनारायण, किशन दीक्षित, आशुतोष सिन्हा और सुरेंद्र पटेल को शामिल किया गया है. ये इनकी पूरी रिपोर्ट सौंपेंगे और हम लोग घर से लेकर सड़क तक इस मुद्दे को उठाएंगे और लड़ेंगे.
‘इनके राम हिंसक राम हो गए हैं’
उन्होंने आगे बताया कि जेल में बंद हमारे कार्यकर्ताओं से जिला कारागार अधीक्षक हमारे कार्यकर्ताओं से नहीं मिलने दे रहे हैं. जैतपुरा व लालपुर में हमारे कार्यकर्ताओं ने कोई शांति भंग नहीं की. सिर्फ अपने हक के तहत धरना-प्रदर्शन किया था. हनुमान जयंती और रामनवमी में कोई तलवार कभी भांजता था. मगर इन लोगों को रोजगार देना नहीं है. ये धार्मिक उन्माद फैलाकर हनुमान जयंती में त्रिशूल तलवार से वैमनस्यता फैला रहे हैं. श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में जाने जाते हैं. इनके राम हिंसक राम हो गए हैं. इनके राम राजा दशरथ के पुत्र नहीं है. इनके राम मोहन भागवत, मोदी, अमित शाह के राम है जो कि त्रिशूल व भाला लेकर चल रहे हैं.
रिपोर्ट : विपिन सिंह