Varanasi: होली को लेकर काशी विश्वनाथ की नगरी में उत्साह का माहौल है. रंगभरी एकादशी में जहां काशीवासियों ने बाबा विश्वनाथ और मां गौरी के साथ रंगोत्सव का आंनद उठाया, वहीं अब मसान होली 2023 खेली गई.
काशी की गलियों में उड़ा अबीर-गुलाल और भस्म
हरिश्चंद्र घाट पर मसान की होली में बाबा के गण और उनके भक्तों को चिता भस्म की होली खेलते देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी हुई थी. विदेश से भी लोग भूत-प्रेत संग बाबा के गणों को चिता भस्म की होली खेलते देखने पहुंचे थे. अबीर-गुलाल और भस्म उड़ाते हुए होली गीतों की धुन पर काशी का जुदा अंदाज नजर आया. विदेश से आए लोगों ने मसान होली के दृश्यों को कैमरे में कैद किया, वह इस दौरान बेहद उत्साहित नजर आए.

काशी का अद्भुत उत्सव है चिता भस्म होली
चिता भस्म होली काशी का एक ऐसा उत्सव है, जिसका अपना अलग ही आनंद है और इसका शब्दों में वर्णन करना बेहद मुश्किल होता है. काशी मोक्षदायिनी सेवा समिति की ओर से हरिश्चंद्र घाट पर संस्था के अध्यक्ष पवन कुमार चौधरी ने सुबह बाबा मशाननाथ का रुद्राभिषेक व पूजन किया. इसके बाद दोपहर में रवींद्रपुरी स्थित बाबा कीनाराम मंदिर में पूजन के बाद भव्य शोभायात्रा निकाली गई. इस दौरान भूत प्रेत बने बाबा के भक्तों को देखने के लिए लोग रास्ते भर उमड़े रहे. साथ में किन्नरों के दल ने भी लोकनृत्य किया.

देव स्वरूप संग लोगों ने खेली चिता भस्म से होली
शोभायात्रा भेलूपुर, सोनारपुरा होते हुए करीब दो घंटे में हरिश्चंद्र घाट पहुंची, जहां बाबा की आरती उतारी गई. वहीं, घाट का कोना-कोना होलियाना माहौल में डूबा था. हर ओर खासकर युवाओं की टोलियां झूमती रहीं. भूत-प्रेत, महादेव और काली आदि देवों के स्वरूपों संग लोग भी चिता भस्म से होली खेलते रहे.

रंगों में डूब गई काशी विश्वनाथ की नगरी
मसान नाथ की पूजा के बाद चिता भस्म की होली मणिकर्णिका घाट पर शुरू होने पर शिव की नगरी रंगों में डूब गई. मोक्ष की नगरी काशी में भगवान शिव स्वयं तारक मंत्र देते हैं. शास्त्रों में मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ प्रिय गण भूत, प्रेत, पिशाच, दृश्य, अदृश्य, शक्तियों को बाबा खुद इंसानों के बीच जाने से रोककर रखते हैं. लेकिन, अपने दयालु स्वभाव की वजह से वह अपने इन सभी प्रियगणों के बीच होली खेलने के लिए घाट पर आते हैं. भगवान भोलेशंकर अपने गणों के साथ चिता की राख से होली खेलने मसान आते हैं.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भी काशी में मृत्यु सिर्फ मृत्यु नहीं मोक्ष है. अर्थात जन्म-मृत्यु के चक्र से चिरकालिक मुक्ति. इस वह से मसान में यहां उत्सव का माहौल नजर आता है. आम तौर पर अन्य शहरों में लोग जहां इससे दूरी बनाए रखते हैं, वहीं काशी में चिता भस्म होली में शामिल होना लोग सौभाग्य मानते हैं.