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Coronavirus : कोरोना के चलते भगवान से दूर हुए भक्त, देशभर में कई मंदिर बंद

मथुरा, वृंदावन और शिव की नगरी काशी में श्रृद्धालुओं की संख्या में काफी कमी आयी है. जबकि, कई मंदिरों में कार्यक्रम रद्द किये जा रहे हैं.

वाराणसी/मथुरा : कोरोना वायरस के प्रकोप ने इंसानों को एक दूसरे से ही नहीं बल्कि भगवान से भी दूर कर दिया है. जिसके चलते देशभर में कई मंदिर जहां बंद कर दिये गये हैं. वहीं मथुरा, वृंदावन और शिव की नगरी काशी में श्रृद्धालुओं की संख्या में काफी कमी आयी है. जबकि, कई मंदिरों में कार्यक्रम रद्द किये जा रहे हैं.

मथुरा, वृंदावन से लेकर वाराणसी में महाशिवरात्री से होली और रामनवमी तक आम तौर पर श्रृद्धालुओं का तांता लगा रहता है. वहीं सारनाथ में विदेशी सैलानियों की बड़ी तादाद जुटती है, लेकिन कोविड 19 का असर इन तीर्थस्थानों पर भी देखने को मिल रहा है. वाराणसी में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा,‘‘भारत सरकार के निर्देशानुसार पुरातात्विक सर्वेक्षण के अंतर्गत आने वाले सारनाथ पुरातात्विक संग्रहालय और मान महल स्थित आभासी संग्रहालय को एहतियातन 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है.”

उन्होंने बताया कि विश्वनाथ मंदिर में पूर्व की तरह ही श्रद्धालुओं को दर्शन कराया जा रहा है, लेकिन कोविड 19 के कारण बाहरी श्रद्धालुओं में कुछ कमी आयी है. काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि मंदिर में कर्मचारियों, सुरक्षा कर्मियों और श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को ध्यान रखते हुए साफ सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके साथ मंदिर के सुविधा केंद्र पर कर्मचारियों को ग्लब्स और मास्क लगाने और काउंटर को हर आधे घंटे पर साफ करने का निर्देश भी दिया गया है.

वृंदावन स्थित इस्कॉन मंदिर ने होली से पहले ही विदेशी भक्तों को नहीं आने का परामर्श जारी किया था. वहीं, मथुरा जिला प्रशासन ने भी सभी बड़े मंदिरों, होटलों, गेस्ट हाउस, धर्मशालाओं आदि के प्रबंधकों की बैठक बुलाकर साफ-सफाई बरतने, भीड़ न लगने देने, प्रवेश द्वारों पर सेनेटाइजर व मास्क का प्रबंध करने के दिशा निर्देश दिये हैं.

मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया, ‘जन्मस्थान परिसर के सभी मंदिरों में नयी व्यवस्था लागू कर दी गयी है, जिसके तहत ठाकुरजी को सीधे फूल, माला, प्रसाद आदि अर्पण करने पर प्रतिबंध लगाकर उसकी वैकल्पिक व्यवस्था शुरू की गयी है. पुजारियों को मंदिर परिसर से अति आवश्यक होने पर ही बाहर जाने की सलाह दी गयी है तथा व्यक्तिगत पूजा-कथा आदि में सम्मिलित होने से रोका गया है.”

वृन्दावन के बांकेबिहारी मंदिर में श्रृद्धालुओं को दूरी बनाकर दर्शक के निर्देश देना कठिन हो रहा है चूंकि वहां जगह काफी कम है. प्रबंधक मुनीश शर्मा ने कहा, ‘प्रशासन द्वारा जारी सभी निर्देश अपनाएं जा रहे हैं. मंदिर में एक-दूसरे से एक मीटर की दूरी बनाये रखना संभव नहीं है. इसके लिए जिला प्रशासन ही कोई और उपाय सुझाए.”

मथुरा में द्वारिकाधीश मंदिर में बीमार और वृद्ध दर्शनार्थियों को स्वस्थ होने तक मंदिर नहीं आने की सलाह दी है. मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी राकेश तिवारी ने कहा,‘‘होली तो बीत गयी, लेकिन अब 30 मार्च को यमुना छठ, नवदुर्गा व रामनवमी के समय पर देखना है कि किस प्रकार बचाव किया जाये. वैसे, फिलहाल बीमार व वृद्ध दर्शनार्थियों से स्वस्थ्य होने तक मंदिर न आने की सलाह दी जा रही है.”

इस्कान मंदिर में नौका विहार लीला दर्शन और 19 मार्च को रथयात्रा का आयोजन फिलहाल स्थगित कर दिया है. विदेशी भक्त तो सभी एयरलाइंस बंद होने के कारण आ ही नहीं रहे हैं. स्थानीय भक्तों में भी काफी कमी आयी है.’ इससे पहले कल मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर, पुणे का दगड़ू शेठ हलवाई मंदिर, तुलजापूर भवानी मंदिर श्रृद्धालुओं के लिये 31 मार्च तक बंद करने का फैसला लिया गया. वहीं उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है.

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