Varanasi News: बीएचयू के छात्र मंगलवार को प्राइवेट एंबुलेंस चालक और दलालों की मिलीभगत को लेकर लंका गेट पर धरने पर बैठ गए. छात्रों का आरोप है कि एंबुलेंस संचालक मरीजों के परिजनों को अपनी बातों में फंसाकर अच्छे इलाज के नाम पर प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाकर छोड़ते हैं और तुरन्त वहां से 20 हजार रुपये लेते हैं. इसकी वजह से कई गरीब मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है.
छात्रों का आरोप है कि इसकी शिकायत अस्पताल प्रबंधन से की गयी, मगर इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. यहां तक दलालों को जब एक छात्र ने रंगे हाथ पकड़ा तो उन्होंने छात्र की पिटाई कर उसके ऊपर फर्जी मुकदमा लगाकर थाने में बन्द करा दिया. मगर इन दलालों पर स्थानीय प्रशासन समेत अस्पताल प्रबंधन तक कोई कार्रवाई नहीं कर रहा.
छात्रों ने दलालों के बढ़ते मनोबल को लेकर बीएचयू अस्पताल में अनियमितता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एंबुलेंस चालक और दलालों की मिलीभगत ने कई गरीब मरीजों के इलाज में बाधा पहुंचाई है. इनकी वजह से गरीब मरीजों का उचित इलाज नहीं हो पा रहा है. दलालों के पकड़े जाने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन कार्रवाई नहीं कर रहा है.
छात्रों का कहना है कि हम लोगों ने विगत 15 दिनों में 4 दलालों को पकड़कर प्रॉक्टोरियल बोर्ड में दिया. उसी बदले की भावना से छात्र अजय प्रताप सिंह, जो अपने परिजनों का इलाज करवाने बीएचयू आये थे, उन्हें 15 दलाल मिलकर कहीं अज्ञात जगह उठाकर ले जा रहे थे. मगर जैसे ही भीड़ जुटनी शुरू हुई, दलालों ने छात्र पर फर्जी धाराएं लगवाकर थाने में सुपुर्द कर दिया. यहां पर दलाली करने वालों में मनोज मिश्रा नाम का व्यक्ति प्रमुख है.
छात्रों ने कहा कि हमारी मांग है कि छात्र के करियर को देखते हुए उस पर से फर्जी धाराएं हटाई जाए. यहां आखिर प्राइवेट एंबुलेंस क्या करती हैं. दलालों की मरीजों से की जा रही दलाली बन्द होनी चाहिए. वरना हमारा ये धरना अनवरत जारी रहेगा.
रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी