UP News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य कर्मचारियों को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने राज्य कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 31 प्रतिशत कर दिया है. यह आदेश जुलाई, 2021 से लागू किया जाएगा.
मिली जानकारी के मुताबिक, वित्त विभाग ने राज्यकर्मियों का डीए 28 से बढ़ाकर 31 प्रतिशत करने का प्रस्ताव बीते सप्ताह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास अनुमोदन के लिए भेजा था, जिसे बुधवार को मंजूरी दे दी गई. अब जुलाई से नवंबर तक का डीए कर्मचारियों के जीपीएफ में जमा कराया जाएगा. जबकि दिसंबर के डीए का नकद भुगतान वेतन के साथ एक जनवरी को किया जाएगा. सरकार के इस फैसले से राज्य के 26 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा होगा.
गौरतलब है कि नवंबर महीने में प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को 28 फीसदी की बढ़ी दर से डीए देने का आदेश जारी किया था. इस आदेश में कहा गया था कि एक जनवरी 2016 से पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स पाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को पहली जुलाई 2021 से मूल वेतन का 28 फीसदी डीए दिया जाएगा. जबकि एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक की अवधि में महंगाई भत्ते की दर मूल वेतन का 17 फीसदी रहेगी.
आदेश में कहा गया था, एक जनवरी 2006 पुनरीक्षित वेतनमान पाने वाले अधिकारियों- कर्मचारियों को एक जुलाई 2021 से मूल वेतन का 189 प्रतिशत डीए मिलेगा. ये अधिकारी-कर्मचारी वे हैं, जिन्होंने वेतन समिति के प्रथम प्रतिवेदन की संस्तुतियों पर लिए गए फैसले के मुताबिक एक जनवरी 2016 से पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स का चयन नहीं किया है या जिनका वेतनमान पहली जनवरी 2016 से पुनरीक्षित नहीं हुआ है. एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक की अवधि में डीए की दर मूल वेतन का 164 फीसदी रहेगी.
11 सितंबर 2009 को जारी आदेश में कहा गया था, जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के मूल वेतन के 50 फीसदी वेतन के बराबर महंगाई भत्ते को महंगाई वेतन के रूप में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है, उनके लिए डीए की दर एक जुलाई 2021 से वेतन और महंगाई वेतन का 356 प्रतिशत होगी. ऐसे कर्मचारियों के लिए एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक की अवधि में डीए की दर वेतन और महंगाई वेतन के योग का 312 प्रतिशत रहेगा.
महंगाई भत्ते की बढ़ी हुई दर का लाभ सिर्फ उन्हीं सार्वजनिक उद्यमों के कार्मिकों को मिलेगा, जिनमें अतिरिक्त व्यय भार वहन करने की आंतरिक क्षमता होगी. जिन सार्वजनिक उद्यमों को बंद करने का फैसला लिया जा चुका है, उनमें काम करने वाले कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा.
Posted By: Achyut Kumar