39.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Basant Panchami 2023 Date: कब है बसंत पंचमी, 25 या 26 जनवरी ? जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

Basant Panchami 2023 Date: हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व माना गया है. इस साल बसंत पंचमी की तारीख को लेकर लोग असमंजस में हैं. आइए जानते हैं कब है बसंत पंचमी, शुभ मुहूर्त क्या है, बसंत पंचमी का महत्व क्या है और पूजा विधि के बारे में.

Basant Panchami 2023 Date: हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. इस साल बसंत पंचमी की तारीख को लेकर लोग असमंजस में हैं. आइए जानते हैं कब है बसंत पंचमी (Basant Panchami 2023), शुभ मुहूर्त क्या है, बसंत पंचमी का महत्व क्या है? और पूजा विधि के बारे में.

कब है बसंत पंचमी

हर साल बसंत पंचमी का त्योहार 25 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन इस साल बसंत पंचमी की तारीख (Basant Panchami 2023 Date) को लेकर लोग कंफ्यूज हैं. बता दें इस साल बसंत पंचमी 25 जनवरी को नहीं, 26 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा. ज्योतिष ऋषि द्विवेदी ने बताया माघ शुक्ल पंचमी तारीख 25 जनवरी 2023 को दोपहर 12 बजकर 33 मिनट से शुरू हो रही है, और अगले दिन 25 जनवरी सुबह 10 बजकर 30 तक रहेगी. इसलिए इस साल बसंत पंचमी का त्यौहार 26 जनवरी को ही मनाया जाएगा.

बसंत पंचमी 2023 का शुभ मुहूर्त

ज्योतिष ऋषि द्विवेदी ने बताया हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त 26 जनवरी 2023, दिन गुरुवार सुबह 7 बजकर 12 मिनट से शुरू हो रहा है और दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. यह समय मां शारदा शारदा की पूजा के लिए बेहद उत्तम है.

बसंत पंचमी का महत्व क्या है

बसंत पंचमी का महत्व हिंदू धर्म में विशेष है. मान्यता है कि जो छात्र बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा और व्रत रहते हैं उनपर मां शारदा का आशीर्वाद बना रहता है, और उनके ज्ञान में वृद्धि होती है. ऐसे में कमजोर छात्र को इस दिन स्नान करने के बाद मां शारदा की आराधना जरूर करनी चाहिए.

Also Read: Basant Panchami 2022: बसंत पंचमी पर क्यों पहनते हैं पीले रंग के कपड़े ? धार्मिक और प्राकृतिक कारण जानें
बसंत पंचमी की पूजा विधि क्या है

बसंत पंचमी के दिन सबसे पहले उठकर सुबह में धरती मां को नमन करें. फिर स्नान करें और साफ कपड़े पहन लें. इसके बाद मां सरस्वती की प्रतिमा को गंगा जल से साफ कर लें. और पीले या सफेद रंग के ही कपड़े पहनाएं. इसके बाद मां शारदा की मूर्ति पर चंदन का तिलक, हल्दी, फल, फूल, रोली, केसर और चावल चढ़ाएं. मां को बूंदी या बूंदी के लड्डू के साथ दही और हलवा का भोग लगाएं. विद्यार्थियों को मां शारदा के चरणों में कॉपी, कलम और पुस्तक रखना चाहिए. इसके बाद सरस्वती मंत्र ॐ ऐं ऐं ऐं महासरस्वत्यै नम: का जाप करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें