29 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

लखीमपुर केस: CCTV में थार पर चढ़ते दिख रहे आशीष मिश्रा! पुलिस ने किया सवाल तो मंत्री के बेटे ने साधी चुप्पी

Lakhimpur Kheri Case: बताया जा रहा है कि पुलिस की जाँच टीम के पास एक सीसीटीवी फुटेज है, जिसमें थार गाड़ी में बैठते हुए और जाते हुए आशीष मिश्र मोनू स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं. इस फुटेज के बाबत पूछे गये सवाल पर आशीष निरुत्तर हो गये.

लखीमपुर हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा के साथ 12 घंटे तक चली पूछताछ की प्रदेश में हरेक जगह पर चर्चा है. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस, क्राइम ब्रांच एवं एसआईटी के अफसरों ने आशीष से जितने भी सवाल किये उनमें से अधिकांश सवालों के जवाब में आशीष या तो मौन रहा या फिर भ्रमित करने का प्रयास किया.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक आशीष मिश्रा से पूछताछ में दंगल, डिप्टी सीएम के साथ जाने को लेकर सवाल के बारे में पूछा गया. पुलिस ने आशीष से पूछा कि घटना वाले रविवार को बनवीरपुर में चल रहे दंगल कार्यक्रम के समापन का समय दो बजे से ढाई बजे के बीच था, लेकिन वारदात होने के आधा घंटे बाद बंद हो चुके दंगल को पुनः शुरू कराकर साढ़े तीन बजे खत्म किया गया. खुद आशीष ने भी जांच टीम के समक्ष यह स्वीकार किया कि दंगल कार्यक्रम के दौरान वह दो बजे आयोजन स्थल से निकल गये थे, बाद में दोबारा पहुंचे थे.

इधर, आशीष मिश्रा को जिस काम के लिये अधिकृत नहीं किया गया था, उस काम का बहाना दिया. सूत्रों के मुताबिक दंगल समारोह छोड़कर जाने के सवाल पर आशीष ने जांच टीम को बताया कि वह उप मुख्यमंत्री के आगमन के दौरान उन्हें परोसे जाने वाले खाने की गुणवत्ता जांचने गये थे.

गौरतलब है कि ऐसी वीआईपी गतिविधि के दौरान प्रोटोकाल के मुताबिक उस जनपद के सीएमओ या डिप्टी सीएमओ या जिलाधिकारी द्वारा अधिकृत कोई अन्य चिकित्सा अधिकारी ही उप मुख्यमंत्री के लिये परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता एवं अन्य मानक की जाँच करने में सक्षम होते हैं. ऐसे में आशीष इस सवाल का भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये कि जब यह काम उनका नहीं था तो वे किस आधार पर भोजन की गुणवत्ता जाँचने पहुँचे थे.

बचकाने बहाने और मौन- आशीष के बचकाने जवाब भी देकर अधिकारियों को उलझाने की कोशिश की , कभी उन्होंने तबीयत खराब होने का हवाला दिया और अधिकांश सवालों अपर वे मौन रह गए. रही सही कसर उनके जवाब देने के तरीके ने भी कर दी और अफसरों को काफी देर तक एक ही लाइन पर उलझाये रखा.

असल सबूत है एक सीसीटीवी फुटेज – पुलिस की जाँच टीम के पास एक सीसीटीवी फुटेज है जिसमें थार गाड़ी में बैठते हुए और जाते हुए आशीष मिश्र मोनू स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं. इस फुटेज के बाबत पूछे गये सवाल पर आशीष निरुत्तर हो गये. इसके बाद क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर विद्याराम दिवाकर ने पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी देते हुए अदालत से गुहार लगाई कि 12 घंटे तक चली पूछताछ के दौरान आशीष द्वारा सवालों के भ्रमित करने वाले जवाब दिये और अन्य सवालों के जवाब देने के स्थान पर वे बार-बार मौन हो गये. इसके अलावा उन्होंने गलत और मिथ्या जानकारी देकर बचने का प्रयास करने का प्रयास किया.

Also Read: लखीमपुर हिंसा : बेटे आशीष की गिरफ्तारी के बाद गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी लखनऊ तलब!

अर्जी में यह भी लिखा गया है कि पूछताछ के दौरान आशीष द्वारा अनर्गल बातें कहते हुए जांच टीम को भटकाने की कोशिश की गयी है. साथ ही उनके द्वारा कूट रचित सबूत प्रस्तुत किये गए. इन सभी तथ्यों के आधार पर उन्हें 14 दिन की रिमांड पर लिए जाने की अनुमति माँगी है.

रिपोर्ट : उत्पल पाठक

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें