लखनऊ. उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी स्क्वायड (एटीएस) नेबुधवार को फैजाबाद से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के एक एजेंट को गिरफ्तार किया, जबकि एक अन्य संदिग्ध को भी हिरासत में लिया गया है. एटीएस का दावा है कि उसने जासूसी रैकेट का पर्दाफाश किया है. आइएसआइ प्रशिक्षित आतंकवादियों द्वारा राज्य में संभावित आतंकी हमले करने की खुफिया सूचना के कुछ दिन बाद ही ये गिरफ्तारी की गयी. एटीएस महानिरीक्षक असीम अरुण ने बताया कि यूूपी एटीएस, मिलिटरी इंटलीजेंस और यूपी इंटलीजेंस के आपसी समन्वय से आफताब अली को फैजाबाद से गिरफ्तार किया गया.
आइएसआइ एजेंट आफताब अली नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के संपर्क में था और एटीएस को उसके खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं. उससे पूछताछ की जा रही है, जिसके बाद और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आदित्य मिश्र ने कहा, ‘एटीएस ने एक अन्य संदिग्ध व्यक्ति को भी हिरासत में लिया है.’ उन्होंने बताया कि आफताब के पास से बरामद हुए फोन से आइएसआइ नेटवर्क को लेकर और अधिक जानकारी मिलने की संभावना है. आफताब पाकिस्तानी उच्चायोग के जिस अधिकारी से मिला है, उसके नाम की पुष्टि की जा रही है. आफताब के बैंक खाते में जमा हुए पैसे के बारे में भी जानकारी ली जा रही है.
अरुण ने बताया कि आफताब ने पूछताछ में बताया कि उसने पाकिस्तान में आइएसआइ से ट्रेनिंग ली थी तथा वह पाकिस्तानी उच्चायोग के संपर्क में था. एटीएस को आफताब के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं. कैंट इलाके के कई फोटोग्राफ उसके मोबाइल फोन में मिले हैं. उसके मोबाइल के रिकार्ड को खंगालने से कई और अहम सुराग मिलने की संभावना है. अरुण ने बताया कि एक अन्य संदिग्ध को भी हिरासत में लिया गया है, जिससेे पूछताछ की जा रही है. आफताब फैजाबाद के ख्वासपुरा इलाके का रहनेवाला है.
पुलिस के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ द्वारा कथित तौर पर प्रशिक्षित आतंकियों के समूह से फैजाबाद जिले के अयोध्या, वाराणसी, वृंदावन और आगरा के ताजमहल जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को निशाना बनाने के लिए कहा गया था. खुफिया खबरों के बाद अयोध्या, काशी और मथुरा सहित विभिन्न धार्मिक स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी. हवाई अड्डों, बस और रेलवे स्टेशनों सहित सार्वजनिक जगहों पर भी चौकसी बढ़ायी गयी थी.