लखनऊ : यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को सोमवार को इलाज के लिए यहां एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया, जहां उनकी ‘एंजियोग्राफी’ की गयी. उनके हृदय की धमनियों में कोई अवरोध (ब्लॉकेज) नहीं पाया गया.
चिन्मयानंद के खिलाफ एक छात्रा ने यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था. इस सिलसिले में उन्हें शुक्रवार को विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने गिरफ्तार किया था और अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. संजय गांधी पीजीआई के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अमित अग्रवाल ने कहा, सीने में दर्द और कम ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद उन्हें (चिन्मयानंद को) सोमवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे भर्ती कराया गया. उनके हृदय की एंजियोग्राफी और अन्य परीक्षण किये गये. उनके हृदय (की धमनियों) में कोई भी ब्लॉकेज नहीं पाया गया, इसलिए उनकी एंजियोप्लास्टी की कोई जरूरत नहीं है. डॉ अग्रवाल ने कहा, चार पांच दिन के इलाज के बाद उनकी एक बार फिर जांच की जायेगी. वह अभी चार-पांच दिन पीजीआई के एमआईसीयू (मेडिकल इंसेटिव केयर यूनिट) में भर्ती रहेंगे.
डाक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य की लगातार निगरानी करेगी. उनकी हालत फिलहाल स्थिर है. इससे पहले, संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (एसजीपीजीआई) के निदेशक डाॅ राकेश कपूर ने बताया था कि शाहजहांपुर से चिन्मयानंद के पहुंचने पर उन्हें तुरंत हृदय रोग विभाग के एमआईसीयू में भर्ती कराया गया. वहीं, शाहजहांपुर में चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने बताया था कि भाजपा नेता की स्थिति को देखते हुए डाक्टरों ने महसूस किया कि उन्हें एंजियोग्राफी की आवश्यकता है, इसलिए उन्हें लखनऊ भेजा गया.
जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने रविवार को बताया था कि चिन्मयानंद के वकील ने 20 सितंबर को सीजेएम अदालत को एक अर्जी देकर उन्हें बेहतर इलाज के लिए लखनऊ भेजने की इजाजत देने का अनुरोध किया था. गौरतलब है कि शाहजहांपुर स्थित स्वामी सुखदेवानंद विधि महाविद्यालय की एलएलएम की एक छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल कर चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाये थे. बाद में मीडिया के समक्ष उसने चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाया था. उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गठित एसआईटी प्रकरण की जांच कर रही है.