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इस नयी व्यवस्था से क्राइम कंट्रोल करेगी उत्तर प्रदेश की पुलिस

लखनऊ : आपराधिक मामलों की जांच करने वाले पुलिस विवेचक अब जरूरत पड़ने पर एक विशेष पोर्टल के माध्यम से अभियोजन अधिकारी से ऑनलाइन कानूनी सलाह लेकर जांच कार्य से जुड़ी दुविधा को दूर कर सकेंगे. ई-प्रोसीक्यूशन पोर्टल के जरिये यह सुविधा फिलहाल उत्तर प्रदेश में लखनऊ और मुरादाबाद में शुरू की गयी है और […]

लखनऊ : आपराधिक मामलों की जांच करने वाले पुलिस विवेचक अब जरूरत पड़ने पर एक विशेष पोर्टल के माध्यम से अभियोजन अधिकारी से ऑनलाइन कानूनी सलाह लेकर जांच कार्य से जुड़ी दुविधा को दूर कर सकेंगे. ई-प्रोसीक्यूशन पोर्टल के जरिये यह सुविधा फिलहाल उत्तर प्रदेश में लखनऊ और मुरादाबाद में शुरू की गयी है और अगले दो से तीन महीने में इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की योजना है.

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इस नयी व्यवस्था के तहत किसी मामले की जांच के दौरान आरोपी पर लगायी जाने वाली धाराओं और सबूत एवं गवाहों के बारे में पुलिस के जांच अधिकारी ऑनलाइन विशेष अभियोजन अधिकारी और अभियोजन अधिकारी से कानूनी राय ले सकेंगे.

विवेचकों को क्या राय दी गयी और जो राय दी गयी, उस पर अमल किया गया या नहीं, इसे जिले का पुलिस कप्तान और संबंधित पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) ऑनलाइन देख सकेंगे. इस तरह वरिष्ठ अधिकारी सलाह पर अमल को लेकर नजर रखेंगे.

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ई-प्रोसीक्यूशन पोर्टल के नोडल अधिकारी और प्रदेश के एडीजी तकनीकी सेवा आशुतोष पांडेय ने कहा कि इस नयी व्यवस्था के लागू होने के बाद लखनऊ और मुरादाबाद जिले के सभी थानों से विभिन्न मामलों की विवेचनाओं के दौरान जिले के पीओ (अभियोजन अधिकारियों) से विधिक राय ली जा सकेगी. लखनऊ और मुरादाबाद जिले में यह प्रयोग सफल होने पर इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जायेगा.

जांच में आयेगी तेजी, ऐसे काम करेगा सिस्टम

एडीजी श्री पांडेय ने बताया कि लखनऊ में इसका प्रायोगिक परीक्षण हो चुका है, जबकि मुरादाबाद जिले में अभी परीक्षण का दौर चल रहा है. पोर्टल के माध्यम से जिले के थानों से किसी भी मामले की विवेचना के संबंध में सूचना एसपीओ (विशेष अभियोजन अधिकारी) को भेजी जायेगी.

एसपीओ मांगी गयी जानकारी के संबंध में पीओ (अभियोजन अधिकारी) से सलाह के बाद विवेचक को आवश्यक विधिक जानकारी मुहैया करायेंगे. पांडेय ने बताया कि प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने इससे पहले अपराधियों के डाटा बेस से जरूरत पड़ने पर आवश्यक जानकारी खोजने की सुविधा देने वाली व्यवस्था को भी एक माह के अंदर शुरू करने का निर्देश दिया. इस कार्ययोजना के तहत प्रदेश के सभी थाने स्टेट डाटा सेंटर से जुड़े हैं.

सीसीटीएनएस पोर्टल से जांच का काम होगा आसान

उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस पोर्टल पर अपराध एवं अपराधियों की सूचना संकलित है, जिसे थाना स्तर पर फीड किया जाता है. इसी तरह कारागार, अभियोजन, अदालत तथा विधि विज्ञान प्रयोगशाला के डाटाबेस में भी अपराध एवं अपराधियों के बारे में सूचना रहती है. इन तमाम सूचनाओं को एक ही स्थान पर एकत्र करने से अपराध होने पर किसी भी अपराधी के बारे में सूचना हासिल करना आसान हो जायेगा.

एक क्लिक पर सामने होगा अपराधी का पूरा रिकॉर्ड

अपराधियों का सेंट्रल डाटाबेस बनाने के लिए यूपी पुलिस ने एक अहम शुरुआत की है. थाना स्तर पर सीसीटीएनएस पोर्टल पर अपराधियों को विभिन्न डाटाबेस में सर्च करने की सुविधा देने के लिए के लिए आइसीजेएस पुलिस का सर्च इंजन है.

उन्होंने बताया कि राज्य में ई-कोर्ट, ई-प्रोसीक्यूशन, ई-एफएसएल और ई-प्रिजन को आइसीजेएस व्यवस्था के तहत एक माह के अंदर क्रियान्वित करने की योजना है. आइसीजेएस इन सभी सेवाओं के लिए सर्च इंजन की तरह काम करेगा और किसी भी अपराधी या केस का नाम डालते ही उसका पूरा विवरण सामने आ जायेगा.

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