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फैसला : UPPSC में साक्षात्कार अब 200 के बजाय 100 अंकों का होगा, वैकल्पिक विषय में अब चुन सकेंगे चिकित्सा विज्ञान

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा के स्वरूप में बदलाव का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा अब 1700 अंकों के बजाय 1600 अंकों की होगी. इनमें लिखित परीक्षा 1500 अंकों की होगी, जबकि 200 अंकों का होनेवाला साक्षात्कार अब […]

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा के स्वरूप में बदलाव का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा अब 1700 अंकों के बजाय 1600 अंकों की होगी. इनमें लिखित परीक्षा 1500 अंकों की होगी, जबकि 200 अंकों का होनेवाला साक्षात्कार अब 100 अंकों का ही होगा. इसके अलावा योगी की कैबिनेट ने अन्य कई फैसले भी किये.

कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में मौजूद राज्य सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस प​रीक्षा के स्वरूप में बदलाव का फैसला भी मंत्रिपरिषद की बैठक में किया गया है. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में साक्षात्कार अब 200 अंक की बजाय 100 अंक का होगा. वहीं, पूरी परीक्षा 1700 के बजाय 1600 अंकों की ही होगी. इनमें लिखित परीक्षा 1500 अंकों की होगी. वैकल्पिक विषय के रूप में चिकित्सा विज्ञान को भी जोड़ने का निर्णय किया गया है.

इसके अलावा योगी कैबिनेट ने बुंदेलखंड को विशेष पैकेज के तहत खरीफ की फसलों का दायरा बढ़ाने के मकसद से बीजों पर अनुदान बढ़ा कर 80 फीसदी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. बैठक के बाद कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि उन्नतशील, प्रमाणित एवं संकर प्रजाति के बीजों पर राज्य सरकार विशेष अनुदान देगी. शाही ने कहा कि पहले यह अनुदान 50 प्रतिशत था, जिसे अब बढ़ा कर 80 प्रतिशत कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि 2021 तक खरीफ का आच्छादन (खरीफ की फसलों का दायरा) 16.2 लाख हेक्टेअर करने का लक्ष्य है, जो इस समय 8.58 लाख हेक्टेयर है.

सरकार के एक और प्रवक्ता ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि एक अन्य फैसले में छुट्टा एवं अनुपयोगी पशुओं की समस्या के निराकरण के लिए बंध्याकरण पर ली जानेवाली ‘लेवी’ खत्म कर दी गयी है. यह लेवी बड़े पशु पर दस रुपये प्रति पशु और छोटे पर पांच रुपये प्रति पशु ली जाती थी. सिंह ने बताया कि नोएडा स्थित ‘पीजी सुपर स्पेशियेलिटी बाल चिकित्सालय एवं शै​क्षणिक संस्थान’ के निदेशक की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ा कर 70 वर्ष कर दी गयी है. उन्होंने कहा कि निदेशक का पांच साल का कार्यकाल या 70 वर्ष की आयु, इनमें से जो पहले होगा, वही मान्य होगा.

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