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अफवाहें फैलाकर दंगे ही नहीं कराता #SocialMedia जान भी बचाता है, कैसे? आइए जानें…

सोशल मीडिया ने लोगों को एक-दूसरे के साथ विचार साझा करने का मंच दिया है. लेकिन कई बार लोग इसका गलत इस्तेमाल करते हुए इस मंच का इस्तेमाल गलत और गंदी बातें करने, अफवाहें फैलाने के लिए करने लगते हैं. जाहिर है, ऐसी चीजों के लिए सोशल मीडिया की परिकल्पना हरगिज नहीं की गयी होगी. […]

सोशल मीडिया ने लोगों को एक-दूसरे के साथ विचार साझा करने का मंच दिया है. लेकिन कई बार लोग इसका गलत इस्तेमाल करते हुए इस मंच का इस्तेमाल गलत और गंदी बातें करने, अफवाहें फैलाने के लिए करने लगते हैं. जाहिर है, ऐसी चीजों के लिए सोशल मीडिया की परिकल्पना हरगिज नहीं की गयी होगी.

लेकिन इसी बीच, कई लोग ऐसे भी हैं जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल किसी की जान बचाने और देश-समाज को एक सकारात्मक संदेश देने के लिए भी कर रहे हैं. कुछ ऐसी ही नजीर पेश की है बिहार सरकार में इलेक्शन ऑफिसर कपिल शर्मा ने. मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निवासी कपिल,फिलहाल बिहार के रक्सौल में रहते हैं.

कपिल ने पिछले दिनों फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए कैसे किसी की जान बचायी जा सकती है. हम आपके लिए यह पोस्ट हूबहू लगा रहे हैं. आशा है इसे पढ़कर आप भी कुछ सीखेंगे-

कल रात को 12 बजे के आस-पास लखनऊ से दोस्त अकबर का फोन आया. उसने बताया कि किसी परिचित महिला ने घर में झगड़े के बाद सल्फास की गोली खा ली है और वो लोग उसे केजीएमसी के ट्राॅमा सेंटर में दिखाने लाये हुए हैं. लेकिन पिछले एक घंटे से उसे कोई डॉक्टर देखने नहीं आया है और अगर 15 से 20 मिनट में कोई नहीं आया, तो उस महिला की मौत हो जायेगी.

अकबर ने मुझसे मदद करने को कहा. इतने शॉर्ट नोटिस पर रात को 12 बजे दिल्ली में बैठकर एक मरती हुई महिला को डॉक्टर उपलब्ध कराना अत्यंत मुश्किल था. लेकिन मैंने इस मैसेज को अपने फेसबुक अकांउट और वॉट्सअप से कुछ मित्रों को फॉरवर्ड किया. इसका असर यह हुआ कि अगले 10 से 15 मिनट में ही केजीएमसी में उक्त महिला का डॉक्टरी उपचार शुरू हो गया और उनकी जान बचा ली गयी. सुबह सूचना मिली कि उक्त महिला को डिस्चार्ज भी कर दिया गया है.

यह काफी सुखद सूचना थी. इसकी वजह से देर रात तक मुझे कवायद करनी पड़ी थी. खैर इस पूरी मुहिम में मदद करने वाले फेसबुक मित्रों, वॉट्सअप मित्रों, अधिकारी एवं डॉक्टर मित्रों को धन्यवाद ज्ञापित करता हूं. ER Rishi Shankar जी की त्वरित पहल पर स्वयं केजीएमसी के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट प्रोफेसर डॉक्टर वेदप्रकाश जी ने भी इस मामले में मरीज को इलाज उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक निर्देश रात में ट्राॅमा सेंटर के प्रभारी को दिया. उत्तर प्रदेश सरकार के पीसीएस अधिकारी प्रणव जी, डॉक्टर रौनक को भी धन्यवाद ज्ञापित करूंगा. इन लोगों ने भी मेरी सूचना मिलते ही मुझे ट्राॅमा सेंटर में मदद उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक संपर्क उपलब्ध कराये. आप सभी के साथ अन्य लोगों को भी बहुत-बहुत धन्यवाद, जो मदद के लिए प्रयासरत थे. हम सभी इसी तरह आपसी सहयोग से आगे बढ़ते रहें, यही हमारी सफलता है और हमारी ताकत भी.

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