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UP News: सोशल मीडिया पर सपा प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की मांग तेज, SP नेता ने बताया ‘पनौती’, यूजर बोले…

UP News: अखिलेश यादव ने यूपी के अध्यक्ष को छोड़कर पार्टी की सभी कार्यकारिणी को भंग कर दिया है. इस बीच प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को हटाने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान शुरू हो गया है.

Bareilly News: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 समेत अन्य चुनावों में पार्टी के लगातार खराब प्रदर्शन को देखते हुए रविवार को सपा संगठन को भंग कर दिया है. पूर्व सीएम ने यूपी विधानसभा चुनाव 2017 और 2022, स्थानीय निकाय प्राधिकारी चुनाव 2022 और लोकसभा उपचुनाव 2022 में करारी हार के बाद सपा में बदलाव करने कि दिशा में बढ़ा कदम उठाया है.

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने प्रदेश अध्यक्ष का पद बरकरार रखा गया है. इस बीच प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को हटाने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान शुरू हो गया है. सपा नेत्री पिंकी चौबे ने ट्विटर पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की मांग कर डाली है. उनका कहना है कि सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल पार्टी के लिए पनौती है. इनको हटाया जाना बहुत जरूरी है, तो वहीं सोशल मीडिया पर नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य, बदायूं के पूर्व सांसद और आजमगढ़ से चुनाव हारने वाले धर्मेंद्र यादव और पल्लवी पटेल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग तेजी से चल रही है.

हालांकि, विधायक पल्लवी पटेल की खुद पार्टी है. वह अपना दल कृष्णा पटेल से हैं. मगर, सोशल मीडिया पर उनको भी प्रदेश अध्यक्ष बनाने से सपा को फायदा मिलने की बात कही जा रही है. एक यूजर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, धर्मेंद्र यादव 2024 में लोकसभा सांसद बनकर दिल्ली चले जाएंगे. उनको प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया जाना चाहिए. स्वामी प्रसाद मौर्या को लेकर हर कोई तैयार है. उनके बनने से पार्टी को बड़ा फायदा होने की बात कही गई है.

सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल जनवरी 2017 में शिवपाल सिंह यादव के हटने के बाद प्रदेश अध्यक्ष बने थे. उनकी अगुवाई में विधान सभा चुनाव 2017 में पार्टी को करीब 160 सीट का नुकसान हुआ था..सपा सत्ता से बाहर हो गई थी. इसके बाद अक्टूबर 2017 में नगर निकाय चुनाव में एक भी मेयर नहीं बन सका. नगर पंचायत और नगरपालिका में भी काफी नुकसान हुआ. 2019 लोकसभा चुनाव में सपा- बसपा गठबंधन के बावजूद भी सिर्फ पांच सांसद बने थे, जबकि सियासी रणनीतिकार 20 से 25 सांसद बनने का दावा कर रहे थे.

विधानसभा चुनाव 2022 में भी सपा कोई करिश्मा नहीं कर पाई. एमएलसी चुनाव में 37 में से एक भी सीट नहीं जीत पाई. इसके बाद लंबे समय से आजमगढ़-रामपुर लोकसभा सीट पर सपा काबिज थी. यह दोनों सीटें भी सपा के हाथ से चली गई. इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष पर तमाम आरोप भी है.

खुद का बूथ हारने का आरोप

पिंकी चौबे ने लिखा है कि सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल अपना बूथ भी नहीं जिता पाएं हैं.उनका खुद का बूथ हार गया है.वह पार्टी को क्या जिताएंगे.उनको मिर्जापुर मूवी की तरह अजर और अमर तक बता डाला है.उनके बने रहने से पार्टी को बड़े नुकसान की बात कही है.

नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम के लिए मांगे सुझाव

ट्विटर पर सपा नेत्री संगीता यादव ने तीन नाम लिखकर नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए सुझाव मांगे हैं.इसमें सबसे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य, इसके बाद पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव फिर पल्लवी पटेल का नाम है.सोशल मीडिया पर सबसे अधिक स्वामी प्रसाद मौर्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग चल रही है.

कर्मी मतदाता भी नहीं मिला पार्टी को

यूपी के बरेली, पीलीभीत, रामपुर की मिलक विधानसभा,बदायूं की दातागंज और शेखुपुर, लखीमपुर खीरी से कानपुर और फर्रुखाबाद होते हुए पूर्वांचल के कई जिलों में कुर्मी मतदाता काफी संख्या में हैं. मगर, सपा का कुर्मी प्रदेश अध्यक्ष होने के वाद भी पार्टी प्रत्याशियों को कुर्मी मतदाताओं ने वोट नहीं किया.कुर्मी मतदाताओं ने पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार तक को वोट नही दिया.वह हार गए थे, जबकि पूर्वांचल के कुर्मी मतदाता पहले सपा के साथ थे.मगर, अब यह मतदाता भाजपा के साथ हैं.नरेश उत्तम के बनने के बाद भी कुर्मी मतदाता नही जुड़े.

संगठन भंग होने के बाद लखनऊ की दौड़

सपा संगठन भंग होने के बाद नए दावेदारों ने लखनऊ की दौड़ लगाने शुरू कर दी है. सपा का सदस्यता अभियान शुरू होने वाला है. जल्द नया संगठन बनने की उम्मीद है. इसलिए भी पदाधिकारी बनने के लिए लखनऊ में भीड़ लगनी शुरू हो गई है.

रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद

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