20.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

बरेली: एक मुसलमान जिसने मंदिर के लिए खोला खजाना, गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है चुन्ना मियां का मंदिर

Breilly News: बरेली में सेठ फजलुर रहमान उर्फ चुन्ना मियां ने अमन और सौहार्द का पैगाम देने के लिए शहर के कटरा मानराय में वर्ष 1960 में लक्ष्मी नारायण का मंदिर स्थापित किया था. बरेली ही नहीं देश में इस मंदिर को चुन्ना मियां के नाम से जाना जाता है. उन्होंने मंदिर को जमीन देने के साथ ही निर्माण कराया.

Breilly News: हिंदुस्तान गुलाब के फूलों के गुलदस्ते की तरह है, जहां देश के हर शहर से सांप्रदायिक सौहार्द और प्यार की खुशबू महकती है. देश में काफी समय से वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद हो या मथुरा की ईदगाह, हर कहीं मंदिर-मस्जिद को लेकर विवाद है. न्यायालयों में इस तरह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. मगर,बरेली में सेठ फजलुर रहमान उर्फ चुन्ना मियां ने अमन और सौहार्द का पैगाम देने के लिए शहर के कटरा मानराय में वर्ष 1960 में लक्ष्मी नारायण का मंदिर स्थापित किया था.

बरेली ही नहीं देश में इस मंदिर को चुन्ना मियां के नाम से जाना जाता है. उन्होंने मंदिर को जमीन देने के साथ ही निर्माण कराया. इसके साथ ही श्रमदान किया. चुन्ना मियां के मंदिर का उद्घाटन 16 मई 1960 को देश के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने किया था. मंदिर से चुन्ना मियां का परिवार आज भी जुड़ा हुआ है, जो मंदिर के कार्यों में रुचि लेता है. चुन्ना मियां ने लक्ष्मी नारायण मंदिर के साथ-साथ शहर के हरि मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, धोपेश्वर नाथ मंदिर समेत तमाम मंदिरों में मूर्ति लगवाने के साथ ही पीने के पानी की व्यवस्था और श्रमदान भी किया था.

इसके साथ ही गुरुद्वारों, स्कूल और कॉलेज में भी निर्माण कराए. शहर के इस्लामियां इंटर कॉलेज, बरेली कॉलेज के कॉमर्स ब्लॉक, गली मनिहारान के गुरुद्वारे और मुरादाबाद जिले में एक स्कूल की भी स्थापना की थी. इस मंदिर के गेट पर अशोक की लाट लगी है, जो देश के किसी अन्य मंदिर पर देखने को नहीं मिलेगी.

Also Read: सद्भावना बिगाड़ने के आरोपी को मिली जमानत, कोर्ट ने कहा- सार्वजनिक जगहों पर पिलाना शरबत, बढ़ेगा भाईचारा
आठ साल की उम्र में पिता की मौत

चुन्ना मियां का जन्म 1889 में जन्माष्टमी के अवसर पर हुआ था.उनके पिता का इंतकाल (मौत) 08 साल की उम्र में हो गई.पिता के सदमे में कुछ महीने बाद मां ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया. माता पिता की मौत के बाद चुन्ना मियां ने काफी संघर्ष किया. उन्होंने संघर्ष के दम पर ही बड़ा मुकाम हासिल किया. वह शहर के सबसे रहीस सेठ थे.

मंदिर में लगी है चुन्ना मियां की फ़ोटो

चुन्ना मियां ने साम्प्रदायिक सौहार्द की मिशाल पेश करने को मंदिर का निर्माण कराया था. मगर, वह अपने धर्म के प्रति वफादार थे.उनके परिजन बताते हैं कि वह नमाज के साथ ही रोजे भी रखते थे.चुन्ना मियां के लक्ष्मी नारायण मंदिर में नवरात्रि के समय सबसे अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ होती है.पूजा पाठ के साथ ही काफी कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं. चुन्ना मियां के लक्ष्मी नारायण मंदिर में चुन्ना मियां की बड़ी सी फोटो भी लगी है.इस फोटो को देखकर लोग उन्हें हर दिन याद करते हैं.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें