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उत्तर प्रदेश में जल्द ही खुल सकती है शराब की दुकानें, आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव ने शराब उत्पादन की दी मंजूरी

देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉक डाउन लागू किया गय है. इस दौरान लॉकडाउन में शराब के ठेके और दुकानें भी बंद हैं. ऐसे में राहत की बात यह है कि योगी सरकार ने शराब और बीयर के उत्पादन की अनुमति प्रदान कर दी है. ऐसी में संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही सरकार शराब की दुकान खोलने की भी अनुमति दे सकते हैं.

बलिया. देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉक डाउन लागू किया गय है. इस दौरान लॉकडाउन में शराब के ठेके और दुकानें भी बंद हैं. ऐसे में राहत की बात यह है कि योगी सरकार ने शराब और बीयर के उत्पादन की अनुमति प्रदान कर दी है. ऐसी में संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही सरकार शराब की दुकान खोलने की भी अनुमति दे सकते हैं. प्रमुख सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने समस्त मंडलायुक्त, जिलाधिकरी तथा पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है कि गृहमंत्रालय के निर्देशानुसार राजस्व के घाटे के मद्देनजर विशेष एहतियात के साथ सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए शराब का उत्पादन शुरू किया जाय.

बता दें कि कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए आबकारी नीति घोषित की थी. इस दौरान देसी शराब की दुकान की बेसिक लाइसेंस फीस पिछले वर्ष के मुकाबले 10 प्रतिशत, अंग्रेजी शराब की दुकान की बेसिक लाइसेंस फीस में भी 20 प्रतिशत और बीयर की दुकान की लाइसेंस फीस में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का फैसला किया गया था. प्रमुख सचिव इस फैसले के साथ उत्पादन कार्य शुरू करने का निर्देश जारी किया है. ऐसे में एक तरफ जहां शराब उत्पादन का रास्ता साफ हो गया है, वहीं प्रदेश में जल्द ही शराब की दुकान खोलने की संभावनाएं भी बढ़ गयी है.

प्रदेश को लगभग 1700 करोड़ राजस्व का नुकसान

गौरतलव हो कि शराब की दुकान से सरकार को अच्छा-खासा राजस्व मिलता है, ऐसे में लॉक डाउन के कारण शराब की दुकानें बंद चल रही है, जिला आबकारी अधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि लॉक डाउन में अब तक प्रत्येक जिलों को प्रतिदिन के हिसाब 23 से 24 करोड़ तक नुकसा हुआ है, इस हिसाब देखा जाय तो पूरे प्रदेश के 75 जिलों में अब तक लगभग 1800 करोड़ राजस्व का नुकसान हो चुका है और इसी को देखते हुए शायद अब सरकार ने इस पर एक्शन लिया है और उत्पादन का आदेश दिया है.

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