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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, हर जरूरतमंद को भोजन मिलना डीएम की जिम्मेदारी

चीन से निकले कोरोना वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने में दिन-रात जुटे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर कोर टीम के साथ बैठक की.

लखनऊ. चीन से निकले कोरोना वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने में दिन-रात जुटे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर कोर टीम के साथ बैठक की. इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी लोग 15 अप्रैल से भी बिना मास्क पहले घरों से न निकलें. कोरोना महामारी और लॉकडाउन को लेकर देश के अन्य राज्यों में अभी भले ही आपाधामी मची हो लेकिन, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक जिले के हाल और वहां की व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए हैं. वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा कि सभी आश्रय स्थलों पर दोनों वक्त का भोजन समय से पहुंचे. यह जिलाधिकारियों की जिम्मेदारी है. जिन जिलों से सीएम हेल्पलाइन पर मदद के लिए ज्यादा फोन आयेंगे, वहां के जिलाधिकारियों के बारे में लॉकडाउन के बाद फैसला किया जायेगा.

UP में कोई भी लोग भूखा न रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार सुबह सरकारी आवास पर टीम 11 और 12 नोडल अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान एक-एक व्यवस्था की जानकारी लेने के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन के फोन पर नहीं सुनना चाहता कि अभी भोजन नहीं पहुंचा है. भोजन पहुंचने में देरी हुई तो जिलाधिकारियों की जवाबदेही सीधे तय की जायेगी. उन्होंने कहा कि सुबह 10 से 2 बजे के बीच दोपहर का खाना और शाम को 6 से 8 बजे तक रात का खाना आश्रय स्थलों तक पहुंच जाना चाहिए. जिलाधिकारी की जिम्मेदारी है कि कोई भूखा न रहे. अब तो बिना भेदभाव के सभी तक भोजन और राशन पहुंचना चाहिए. रसोई गैस सिलिंडर की आपूर्ति भी बााधित न हो. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हेल्पलाइन के नंबरों की वह खुद नियमित समीक्षा कर रहे हैं. जिस जिले से ज्यादा लोगों के फोन मदद के लिए आ रहे हैं, उन जिलाधिकारियों के बारे में लॉकडाउन के बाद फैसला किया जायेगा, क्योंकि 23 करोड़ जनता का हित सरकार की प्राथमिकता है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बिना भेदभाव के हर जरूरतमंद को समय से भोजन मिलना चाहिए. जिन जिलों में अब तक कम्युनिटी किचन शुरू नहीं हुए हैं, मुख्य सचिव आज वहां के डीएम से बात कर भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं. इसके साथ ही संबंधित डीएम की जवाबदेही भी तय करें और मुझे भी ऐसे डीएम की सूची उपलब्ध कराएं. भोजन वितरण के कार्य में गांवों में प्रधानों के अलावा नगर निकायों में पार्षदों और अन्य कर्मचारियों की भी इसमें मदद लें. एलपीजी सिलेंडर, दवा और जरूरी सामान हर किसी को मिलनी चाहिए.लॉकडाउन खत्म होने पर भी बिना मास्क नहीं निकल सकेंगेलॉकडाउन के 21 दिन पूरे होने के बाद 15 अप्रैल से इसे खोलने की तैयारी चल रही है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह भी कह चुके हैं कि लॉकडाउन हटेगा लेकिन, पाबंदियां नहीं. उनके निर्देश पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी उसके लिए कमर कस ली है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यदि लॉकडाउन समाप्त होता है तो एपेडमिक एक्ट के तहत सभी को मास्क पहनना अनिवार्य होगा.

प्रदेश में किसी भी व्यक्ति को बिना मास्क घर से निकलने की अनुमति नहीं होगी. इस व्यवस्था का सख्ती से पालन कराने के साथ ही प्रदेश सरकार 23 करोड़ जनता को दो-दो मास्क उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है. इस बैठक में इस पर मंथन हुआ कि खादी के स्पेशल 66 करोड़ मास्क बनवा लिए जाएं. गरीबों को निश्शुल्क व आम जन को सस्ती दरों पर दिये जा सकते हैं. हालांकि मास्क बनवाने के संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है.हर जिले के हालात की ली जानकारीमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में हर जिले के हालात की जानकारी ली. उन्होंने कोरोना संक्रमित मरीजों की ज्यादा संख्या वाले जिले, लॉकडाउन के पालन, तब्लीगी जमात के लोगों पर रासुका की कार्रवाई, मुनाफाखोरों के खिलाफ कार्रवाई, स्वास्थ्य विभाग के प्रबंध आदि की भी जानकारी अधिकारियों से ली. बैठक में मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, डीजीपी हितेशचंद्र अवस्थी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

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