प्रयागराज: राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की सनसनीखेज हत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि माफिया अतीक अहमद के गुर्गों ने उमेश से एक करोड़ रुपये रंगदारी मांगी थी. इसके बाद उमेश पाल ने धूमनगंज थाने में अतीक अहमद के गुर्गों के खिलाफ 24 अगस्त 2022 को एफआईआर करा दी. इसमें मो. मुस्लिम, खालिद जफर, अबू साद और दिलीप कुशवाहा को नामजद किया गया था.
सूत्रों के अनुसार यह रंगदारी एक करोड़ों रुपये की जमीन के कारण मांगी गयी थी. माफिया अतीक अहमद के गुर्गों ने धमकी दी थी कि एक करोड़ रुपये दो या फिर जमीन को भूल जाओ. उमेश ने इस धमकी को नजरअंदाज किया और धूमनगंज थाने में एफआईआर करा दी. इसके बाद से ही उसकी अतीक अहमद से दुश्मनी और बढ़ गयी.
बताया जा रहा है कि पीपलगांव में उमेश पाल की पुश्तैनी जमीन थी. इस जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा करने की कोशिश की. जब उमेश पाल मौके पर पहुंचे तो वहां खालिद जफर, मो. मुस्लिम, दिलीप कुशवाहा, अबू साद मजदूरों की मदद से जमीन की घेरेबंदी की कोशिश कर रहे थे. उसी दौरान खालिद जफर ने उमेश को हथियारों के दम पर धमकाते हुए जमीन छोड़ने के लिये एक करोड़ रुपये मांगे थे. इस धमकी के बावजूद उमेश पाल ने अतीक अहमद के गुर्गों के खिलाफ एफआईआर करा दी थी.
उमेश पाल ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के खिलाफ भी रंगदारी मांगने की शिकायत पुलिस से की थी. माफिया अतीक और उसके गुर्गों की दबंगयी से डरने की जगह उमेश ने मोर्चा लिया, यह पूरे गैंग को खल गया. इसके बाद साबरमती जेल में बंद अतीक ने पूरी उमेश को सबक सिखाने के लिये पूरी साजिश रची. शूटरों और बमबाजों को इकठ्ठा किया गया. पूरे प्रोफेशनल तरीके से सरेशाम उमेश पाल को घेरकर गोलियों से भून दिया गया.