Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश- सेवानिवृति विकल्प भरने में देरी से ग्रेच्युटी का हक नहीं होगा खत्म

हाईकोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया सेवानिवृत्त से 1 साल पहले विकल्प भरने में देरी के कारण कर्मचारी को उसके अधिकार से वंचित नहीं रखा जा सकता.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 25, 2021 2:49 PM

Prayagraj News: ग्रेच्युटी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया सेवानिवृत्त से 1 साल पहले विकल्प भरने में देरी के कारण कर्मचारी को उसके अधिकार से वंचित नहीं रखा जा सकता.

कोर्ट ने राज्य सरकार से मामले की मांगी रिपोर्ट

यह आदेश कोर्ट के जस्टिस एसपी केसरवानी और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की बेंच ने मोहर पाल सिंह की विशेष अपील पर दिया है. साथ ही कोर्ट ने जवाब मांगा है कि, क्या याची का देरी से भरा गया विकल्प स्वीकार किए जाने योग्य है या नहीं. कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में 21 दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

दामोदर मथपाल केस का दिया हवाला

अपील का स्थाई एडवोकेट ने विरोध किया. मामले में अपील करने वाला व्यक्ति प्राइमरी स्कूल मोइद्दीनपुर एटा का प्रिंसिपल था, उसने ग्रेच्युटी का सेवानिवृत्त आयु से 1 साल पहले नहीं दिया, बल्कि उसे 6 महीने पहले दिया. यही कारण था कि उसे ग्रेच्युटी देने से इंकार कर दिया गया. याचिका भी खारिज हो गई, जिसके बाद विशेष अपील दाखिल की गई. अपील करने वाले का कहना है कि ऐसे ही दामोदर मथपाल केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष देने का विकल्प न देने से ग्रेच्युटी पानी के अधिकार खत्म नहीं होते.

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