Aligarh News: बसपा सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे रामवीर उपाध्याय और उनके पीए रानू पंडित के खिलाफ हाथरस स्थानीय एमपी एमएलए कोर्ट ने धारा 82 के तहत फरार होने की उद्घोषणा जारी की है. तीन साल पहले 2019 में हाथरस के विसाना निवासी युवक के अपहरण की कोशिश करने के मामले में यह कार्यवाही हुई है.
पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय और पीए पर धारा 82 की कार्रवाई
बसपा सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे रामवीर उपाध्याय और उनके पीए रानू पंडित पर हाथरस के स्थानीय एमपी/एमएलए कोर्ट ने 2019 में विसाना निवासी वीरेंद्र कुमार के अपहरण की कोशिश के मामले में धारा 82 के तहत फरार की उद्घोषणा जारी की है. पूर्व में रामवीर उपाध्याय ने हाईकोर्ट में राहत के लिए आवेदन किया था, जिससे उन्हें राहत मिली थी, परंतु फिर हाईकोर्ट ने अपने स्थगन आदेश को समाप्त कर दिया था.
पूर्व मंत्री व तत्कालीन पूर्व सादाबाद विधायक रामवीर उपाध्याय और उनके पीए रानू पंडित के बार-बार कोर्ट में हाजिर नहीं होने के कारण गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे. अब स्थानीय अदालत ने रामवीर उपाध्याय व रानू पंडित के खिलाफ धारा 82 की कार्यवाही कर दी है. इस मामले की अगली सुनवाई 11 मई मुकर्रर की गई है.
इस मामले में हुई कार्रवाई
विगत सितंबर 2019 में तत्कालीन सादाबाद विधायक रामवीर उपाध्याय और उनके पीए रानू पंडित हाथरस के गांव गंभीर पट्टी विसाना गांव आए. गांव के वीरेंद्र कुमार से दोनों ने गाली गलौज किया. उन्हें गाड़ी में खींचकर डालने का प्रयास और जान से मारने की धमकी दी. गांव वाले एकत्र होने के कारण दोनों ही वीरेंद्र कुमार का अपहरण करने के प्रयास में नाकाम रहे और सभी को वहां से जाना पड़ा.
वीरेंद्र कुमार क्षेत्र पंचायत सदस्य रहे हैं. वीरेंद्र कुमार ने हाथरस के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था जिस पर न्यायालय ने पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय व पीए रानू पंडित के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किए थे.
सादाबाद से इस बार चुनाव हारे रामवीर उपाध्याय
बसपा को छोड़ने के बाद रामवीर उपाध्याय यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सादाबाद विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े, लेकिन हार गए. इस चुनाव से पहले रामवीर उपाध्याय बसपा से हाथरस, सिकंदरा राव, सादाबाद विधानसभा से कई बार विधायक रहे व बसपा सरकार में ऊर्जा मंत्री भी रहे.
धारा 82 क्या है
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 के अंतर्गत वह व्यक्ति जो किसी अपराध या किसी कर्ज से बच निकलने के उद्देश्य से कहीं फरार हो जाता है या भाग जाता है, तो न्यायालय उसके फरार हो जाने की उद्घोषणा करती है. इस धारा में केवल वह फरार व्यक्ति के उद्घोषणा करने को बतलाती है.
रिपोर्ट- चमन शर्मा, अलीगढ़