लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज मुख्य विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मौजूदा सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकाल में हुए दंगों की संख्या को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की और इसे लेकर हुए हंगामे और शोरशराबे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई.
प्रश्न काल के दौरान कांग्रेस सदस्य अनुग्रह नारायण सिंह ने यह मामला उठाते हुए सरकार से वर्ष 2009 से अब तक सूबे में हुए साम्प्रदायिक दंगों की संख्या पूछी. इसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री मोहम्मद आजम खां ने सदन को बताया कि साल 2009 से अब तक राज्य में कुल पांच फिरकावाराना फसाद हुए हैं जिनमें 57 लोग मारे गये और 136 अन्य जख्मी हुए.
भाजपा सदस्य सतीश महाना ने खां के जवाब पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि पिछले सत्र में सरकार ने सदन को 27 दंगे होने की बात बतायी थी लिहाजा नया आंकड़ा सही प्रतीत नहीं होता.बसपा एवं विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी सरकार से दंगों की संख्या स्पष्ट करने का आग्रह करते हुए दावा किया कि मुखिया रिपोर्टो के मुताबिक राज्य में फिरकवाराना फसाद की 115 वारदात हो चुकी हैं.
राज्य सरकार पर सूबे में दंगे कराने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों के हजारों पीड़ितों को दयनीय हालात में रहना पड़ रहा है. मौर्य सरकार पर दंगा पीड़ितों के पुनर्वास के मुद्दे पर संतोषजनक जवाब नहीं देने का आरोप लगाते हुए अपने साथी सदस्यों के साथ सदन के बीचोबीच आ गये और सरकार विरोधी नारेबाजी होने लगी.