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इलेक्शन मोड में अखिलेश सरकार,कई लोकलुभावन फैसले

।।राजेन्द्र कुमार।। लखनऊः सूबे की अखिलेश सरकार लोकसभा चुनावों को लेकर बेहद सक्रिय हो गई है. बीते पांच दिनों में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सूबे की नौकरशाही को कसने से लेकर जनता के लिए कई लोकलुभावन फैसले लिए हैं.अस्पतालों में पैथालाजी की जांच मुफ्त करने का निर्णय इन्हीं पांच दिनों में लिया गया है.इसी समयावधि […]

।।राजेन्द्र कुमार।।

लखनऊः सूबे की अखिलेश सरकार लोकसभा चुनावों को लेकर बेहद सक्रिय हो गई है. बीते पांच दिनों में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सूबे की नौकरशाही को कसने से लेकर जनता के लिए कई लोकलुभावन फैसले लिए हैं.अस्पतालों में पैथालाजी की जांच मुफ्त करने का निर्णय इन्हीं पांच दिनों में लिया गया है.इसी समयावधि में 27 जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) और 14 जिलों के पुलिस कप्तानों को भी मुख्यमंत्री ने एक झटके में बदला है.

सूबे के 38 आईपीएस अफसरों की तैनाती में फेरबदल करते हुए 14 जिलों में पुलिस कप्तानों को तो उन्होंने गत शुक्रवार की रात बदला.फिर शनिवार को मुख्यमंत्री ने 25 आईएएस अफसरों की तैनाती में बदलाव कर दिया. इस ताजे फेरबदल में बसपा प्रमुख मायावती के प्रिय अधिकारी रहे नवनीत सहगल को प्रमुख सचिव सूचना जैसे अहम पद पर तैनाती ‍दे दी गई.हालांकि उनको अहम पद पर तैनाती देने के पक्ष में सपा के तमाम सीनियर नेता नहीं थे.

सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने तो कुछ माह पूर्व यह कहा भी था कि बसपा सरकार में अहम पदों पर तैनात रहे अफसरों को सूबे की सरकार गले ना लगाए.फिर भी मुख्यमंत्री ने नवनीत सहगत पर लोकसभा चुनावों के पहले विश्वास जताया तो सिर्फ इसलिए क्योंकि नवनीत को सरकार की योजनाओं का प्रचार करना आता है.अभी अखिलेश सरकार के जनउपयोगी निर्णयों को सूबे के अधिकारी जनता के बीच प्रचारित नहीं करा सके थे.इस वजह से मुख्यमंत्री ने नवनीत सहगल के जरिए सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने की सोची.मुख्यमंत्री सचिवालय के अफसरों का नवनीत की तैनाती को लेकर यह कहना है.

नवनीत सहगल को अहम जिम्मेदारी देने के साथ ही मुख्यमंत्री ने शनिवार को लखनऊ, इलाहाबाद, इटावा, झशंसी, संभल और मऊ के डीएम को भी हटा दिया.बीते दो वर्षो में पहली बार एक हफ्ते के भीतर मुख्यमंत्री ने इतने आईएएस व आईपीएस अफसरों का तबादला करते हुए कई अहम निर्णय लिए हैं.लम्बे समय से लटकी तमाम परियोजनाओं को भी मुख्यमत्री के निर्देश पर झटपट मंजूरी मिली.सरकारी अधिकारियों के अनुसार बीते सोमवार से शुक्रवार के बीच लंबे समय से लटकी 900 करोड़ की लागत से पूरी होने वाली परियोजनाओं को झटपट मंजूरी दी गई है.546 करोड़ रुपये का बजट भी जारी कर दिया गया ताकि इन परियोजनाओं का कार्य शुरू किया जा सके.

जिन परियोजनाओं को मंजूरी मिली है, उनमें अधिकांश बिजली, पानी, सड़क और पुल निर्माण से संबंधित हैं. अखिलेश सरकार और खुद मुख्यमंत्री की इस सक्रियता को चुनावी तेजी बताया जा रहा है.भाजपा प्रवक्ता विजय पाठक के अनुसार अखिलेश सरकार पूरी तरह से इलेक्शन मोड में आ गई है और इसके तहत मुख्यमत्री अखिलेश यादव सपा के सांसद, विधायक और लोकसभा का चुनाव लड़ रहे पार्टी प्रत्याशियों की पसंद वाले डीएम और पुलिस कप्तान जिलों में तैनात करने में जुट गए हैं.

वैसे भी सत्ताधारी दल चाहे कोई भी हो उसकी ख्वाहिश यही रहती है कि सूबे का प्रशासनिक अमला उसके इशारे पर नाचे.इसलिए चुनाव के ठीक पहले हर मुख्यमंत्री अपनी सोच और अपने नेताओं के आग्रह पर बड़े पैमाने पर डीएम और एसपी के तबादले करते हैं.अखिलेश यादव भी यही कर रहे हैं और इससे साफ पता चलता है कि सूबे की अखिलेश सरकार इलेक्शन मोड में आ गई है.

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