मुजफ्फरनगर : उत्तर भारत में शीत लहर के प्रभाव के मद्देनजर शामली जिला प्रशासन ने राहत शिविरों से लोगों की निकासी के कदम उठाने शुरू कर दिये हैं. जिला मजिस्ट्रेट के पी सिंह के मुताबिक, 267 परिवार सुरक्षित स्थानों पर जा चुके हैं और जिला प्रशासन द्वारा और अधिक परिवारों को राहत शिविरों से बाहर निकालने के प्रयास किये जा रहे हैं. सिंह ने कहा कि राहत शिविर छोड़ने वाले परिवारों को पंद्रह दिनों का राशन दिया गया है.
उन्होंने बताया कि कांधला स्थित राहत शिविर को भी खाली करा लिया गया है. इलाके में शीत लहर का प्रकोप बढ़ने के मद्देनजर किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए जिला प्रशासन दंगा प्रभावितों से राहत शिविर छोड़ने की अपील कर रहा है.
इस बीच, शामली जिले के मलकपुर राहत शिविर में रह रहे दंगा पीड़ितों ने अपने लिए कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं होने का हवाला देते हुए वहां से हटने से इनकार कर दिया. कल जब कुछ अधिकारी वहां पहुंचे तो दंगा पीड़ितों ने राहत शिविर छोड़ने से इनकार कर दिया. शामली जिले में फिलहाल चार सरकारी राहत शिविर काम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि पिछले वर्ष अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में मुजफ्फरनगर और इसके आसपास के इलाकों में भड़के दंगे में 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. इन दंगों में हजारों लोग बेघर हो गए थे, जो राहत शिविरों में शरण लिए हुए थे.