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पुलिस की पिटाई के बाद मुरादाबाद एसएसपी निलंबित

।। राजेन्द्र कुमार ।। लखनऊ : अखिलेश सरकार ने एसी शर्मा को पुलिस महानिदेशक की कुर्सी से हटाकर जब देवराज नागर को कमान सौंपी तो यह उम्मीद जगी थी कि सूबे के अनुशासनहीन पुलिस अफसरों पर अंकुश लगेगा. लेकिन इस उम्मीद को गत शनिवार को मुरादाबाद के एसएसपी राजेश मोदक राव ने तीन फालोवरों की […]

।। राजेन्द्र कुमार ।।

लखनऊ : अखिलेश सरकार ने एसी शर्मा को पुलिस महानिदेशक की कुर्सी से हटाकर जब देवराज नागर को कमान सौंपी तो यह उम्मीद जगी थी कि सूबे के अनुशासनहीन पुलिस अफसरों पर अंकुश लगेगा. लेकिन इस उम्मीद को गत शनिवार को मुरादाबाद के एसएसपी राजेश मोदक राव ने तीन फालोवरों की डंडे से पिटाई कर तोड़ दिया. किसी आईपीएस द्वारा पुलिसकर्मियों की पिटाई को लेकर यह सूबे की पहली घटना है. उनकी इस हरकत से पुलिस की साख पर दाग लगा है. राजेश मोदक राव के इस कारनामें के चलते मु‍ख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है.

मुख्यमंत्री की इस कार्रवाई के बाद भी सूबे में सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर सत्ता की नजदीकी हासिल कर अहम पदों पर तैनात ऐसे पुलिस अफसरों पर अंकुश कैसे लगेगा. उक्त सवाल को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा है कि अधिकारियों अफसरों को मर्यादा में रहना होगा, जो अधिकारी अपनी मर्यादा लाघेंगा उसे दण्ड मिलेगा.

मुरादाबाद में एसएसपी मोदक राजेश राव 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्हें एडीजी कानून व्यवस्था अरूण कुमार का प्रिय अधिकारी माना जाता है. वह मुख्यमंत्री के गृह जनपद इटावा के पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं. इस वजह से सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक उनकी सीधी पहुंच रही है. सत्ता के प्रमुख लोगों से उनकी नजदीकी के चलते ही सरकार ने उन्हें मुरादाबाद जैसे महत्वपूर्ण जिले में एसएसपी बनाया था.

गत शनिवार को मुरादाबाद पूर्व महापौर और सपा नेता डा. एसटी हसन एसएसपी से मिलने गए थे. फालोअर व पीआरओ ने डा. हसन को कुछ देर इंतजार करने को कहा दिया. कुछ देर के बाद डा. हसन ने एसएसपी के मोबाइल पर फोन मिला दिया. उन्हें इंतजार कराने की जानकारी होने पर एसएसपी अपने स्टाफ पर आग बबूला हो गए और पहले तो उन्होंने अपने पीआरओ और एक उपनिरीक्षक को सार्वजनिक रूप से लताड़ा. फिर उन्होंने तीन फालोअर सुंदर सिंह, गुमान सिंह व दया किशन डंगवाल की पिटाई कर दी. एसएसपी से पिटे फालोअर का आरोप है कि एसएसपी साहब ने उनको अकारण ही डंडों व वाइपर से जमकर पीटा.

इन तीनों फालोअरों ने एसएसपी के इस व्यवहार की शिकायत शनिवार की शाम डीआइजी अमरेंद्र सेंगर से मिले की. तो डीआइजी ने उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया और डीजीपी देवराज नागर को इसकी घटना की जानकारी दी. डीजीपी ने एसएसपी के व्यवहार को अनुचित मानते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को रविवार को इस बारे में मिलकर बताया. तो उन्होंने तत्काल ही मोदक राजेश राव को सस्पेंड करने का निर्देश दे दिया.

* किसी को पिटा नहीं : राजेश मोदक

जनप्रतिनिधियों व जनता को इंतजार कराना गलत है, उन्हें रोकने पर स्टाफ से नाराजगी जताई थी. किसी को पिटा नहीं था.

सरकारी प्रवक्ता का कथन : एसएसपी का व्यवहार उचित नहीं माना जा सकता. उनके कदम से गलत संदेश गया है. – राजकुमार विश्वकर्मा (आइजी) प्रवक्ता उत्तर प्रदेश पुलिस

देवराज नागर : अनुशासित फोर्स में मारपीट दंडनीय है. ड्यूटी को लेकर जांच-पड़ताल की व्यवस्था है और अगर कोई इसे लेकर मारपीट करेगा तो यह ठीक नहीं है. इसी आधार पर कार्रवाई जो कार्रवाई की गई है, वह पूरी फोर्स को एक संदेश है.

देवराज नागर, पुलिस महानिदेशक , उत्तर प्रदेश

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