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अंधेरा पसरता गया,लाशें बिछती गयीं

मुजफ्फनगर:कवाल में 27 अगस्त से शुरू हुई नफरत की आग शनिवार को उस समय अपने चरम पर पहुंच गयी, जब शाम ढलती गयी और लाशें बिछती गयीं. सरकार का हर कदम राजनीति के नफे-नुकसान पर टिका रहा. यही भूमिका नेताओं ने निभायी. शक्ति प्रदर्शन की होड़ शुरू हुई. पहले एक समुदाय ने ताकत दिखायी. नंगला […]

मुजफ्फनगर:कवाल में 27 अगस्त से शुरू हुई नफरत की आग शनिवार को उस समय अपने चरम पर पहुंच गयी, जब शाम ढलती गयी और लाशें बिछती गयीं. सरकार का हर कदम राजनीति के नफे-नुकसान पर टिका रहा. यही भूमिका नेताओं ने निभायी. शक्ति प्रदर्शन की होड़ शुरू हुई. पहले एक समुदाय ने ताकत दिखायी. नंगला मंदौड़ में भीड़ उमड़ी. फिर महापंचायत का अंत खून-खराबे से हुआ. मलिकपुरा के ममेरे भाइयों गौरव और सचिन तथा कवाल के शाहनवाज की मौत के बाद ऐसी हिंसा होगी, किसी को अंदाजा नहीं था. प्रशासन की तमाम कोशिशें धरी रह गयीं. पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दोनों समुदायों में जहर घुल गया. शामली और बागपत के बामनौली में जो उपद्रव हुआ, उसके पीछे भी कवाल से पहुंची चिंगारी ही थी.

आका समझ नहीं पाये
लखनऊ में बैठे आका डीजीपी, एडीजी और आइजी कानून व्यवस्था को भेज कर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली. समीक्षाएं होती रहीं, अफसर हालातों का जायजा लेकर लौट गये. डीजीपी देवराज नागर शुक्र वार को शहर में आये, पर हालात की गंभीरता नहीं भांप पाये. महापंचायत में डेढ़ लाख की भीड़ उमड़ी, लेकिन शाम होते-होते हिंसा ने पूरे जिले को अपनी चपेट में ले लिया. न सियासतदार दिखे और ही पुलिस प्रशासन ताकत दिखा पाया. अंधेरा पसरता गया, लाशें बिछती गयीं.

तबादला साबित हुआ घातक
27 अगस्त को कवाल हिंसा के बाद रात में डीएम सुरेंद्र सिंह और एसएसपी मंजिल सैनी का तबादला घातक साबित हुआ. सुरेंद्र सिंह जाट समुदाय से हैं. कई मामलों को इसी वजह से सुलझा लिया. पंचायतों में भी डीएम को दोबारा बुलाने की मांगें उठी. नये डीएम कौशलराज शर्मा और एसएसपी सुभाषचंद दुबे को पश्चिम की आबोहवा का तजुर्बा नहीं था. सो 12 दिन में भी हालात नहीं सुधरे. सियासत ने चुनावी चोला ओढ़ लिया. खालापार में जुमे की नमाज के बाद धारा 144 के बावजूद भीड़ उमड़ी.

अखिलेश राज में 104 दंगे!
मुजफ्फरनगर दंगों के बाद केंद्रीय गृह मंत्रलय ने रिपोर्ट जारी कर कहा है कि यूपी में 2012 में अखिलेश सरकार बनने के बाद से सांप्रदायिक हिंसा के 104 मामले दर्ज किये गये.

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