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कोर्ट ने वासुदेवानंद सरस्वती के शंकराचार्य की पदवी के दावे को बताया अवैध

इलाहाबाद : आदि शंकराचार्य द्वारा देशभर में स्थापित चार धामों में से एक ज्योतिषपीठ बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य की पदवी पर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के दावे को यहां की एक अदालत ने अवैध घोषित कर दिया. स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती को ऐसी अनेक पवित्र वस्तुओं का इस्तेमाल करने से भी प्रतिबंधित किया गया है जिन्हें पुरी, द्वारका, […]

इलाहाबाद : आदि शंकराचार्य द्वारा देशभर में स्थापित चार धामों में से एक ज्योतिषपीठ बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य की पदवी पर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के दावे को यहां की एक अदालत ने अवैध घोषित कर दिया. स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती को ऐसी अनेक पवित्र वस्तुओं का इस्तेमाल करने से भी प्रतिबंधित किया गया है जिन्हें पुरी, द्वारका, श्रृंगेरी और बद्रीनाथ के शंकराचार्य रख सकते हैं.

दीवानी न्यायाधीश गोपाल उपाध्याय ने कल स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती की याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश सुनाया. स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती द्वारका पीठ के शंकराचार्य हैं और 1973 से बद्रीनाथ के शंकराचार्य के रुप में अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं.
द्वारका के शंकराचार्य अतिरिक्त प्रभार इसलिए संभाल रहे हैं क्योंकि बद्रीनाथ धाम के पिछले शंकराचार्य ने इस पदवी पर किसी को नामित नहीं किया. याचिका 1989 में दाखिल की गयी थी जब स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने शंकराचार्य की पदवी पर दावा किया था और पिछले शंकराचार्य की ओर से एक वसीयत पेश की जिसे अदालत ने फर्जी पाया.

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