।। राजेन्द्र कुमार ।।
लखनऊ: नेपाल सीमा से पकडा गया कुख्यात आतंकवादी तथा इंडियन मुजाहिदीन का सह सस्थापक यासीन भटकल वाराणसी के शीतलाघाट पर वर्ष 2010 में हुए सीरियल ब्लास्ट का भी आरोपी है. राज्य की एटीएस (आतंकवादी निरोधी दस्ता) ब्लास्ट की इस घटना को लेकर उसकी खोज में लगी थी. अब यूपी एटीएस की एक टीम भटकल से पूछताछ के लिए दिल्ली जा रही है और उसे रिमांड पर लेकर लखनऊ लाया जाएगा.
भटकल के साथ ही बिहार में पकड़े गए आजमगढ़ के असदुल्ला अख्ता उर्फ हड्डी से भी एटीएस के अधिकारी पूछतांछ करेंगे, हालांकि असदुल्ला के खिलाफ यूपी में कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है. राज्य के आईजी कानून व्यवस्था आर के विश्वकर्मा के अनुसार एटीएस की टीम असदुल्ला से पूछताछ कर यासीन भटकल के यूपी में मददगारों का पता लगाएगी.
विश्वकर्मा के अनुसार तीस वर्षीय यासीन वर्ष 2008 से फरार चल रहा था. वर्ष 2008 में अपने भाई रियाज के साथ इंडियन मुजाहिदीन की स्थापना करने वाला यासीन भटकल जर्मन बेकरी बम धमाके मामले में भी वांछित है. वहां 13 फरवरी, 2010 को बम धमाके होने से 17 लोगों की जान चली गयी थी. इसके बाद यासीन का नाम वाराणसी के शीतला घाट पर हुए ब्लास्ट में आया था.
वाराणसी के शीतला घाट पर सात दिसम्बर 2010 को आरती के समय सीरियल ब्लास्ट हुए थे. इस ब्लास्ट में दो लोगों की मौके पर मौत हुई थी. कई लोग घायल भी हुए थे. ब्लास्ट की इस घटना के फौरन बाद मीडिया को इंडियन मुजाहिदीन की ओर से ईमेल भेजा गया. जिसमें इस संगठन ने सीरियल ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली थीं. इस सीरियल धमाके की जांच एटीएस को दी गई थी. एटीएस की जांच अभी चल रही है.
विश्वकर्मा के अनुसार यासीन भटकल के पकडे जाने की खबर मिलने पर अब एटीएस की टीम दिल्ली गई है. जहां भटकल से वाराणसी सीरियल ब्लास्ट के बारे में पूछतांछ की जाएगी और उसे रिमांड पर लेकर लखनऊ लाया जाएगा.
यासीन भटकल के साथ पकड़े गए असदुल्ला अख्तर उर्फ हड्डी के बारे में विश्वकर्मा का कहना था कि असदुल्ला आजमगढ़ कोतवाली निवासी जावेद अख्तर का पुत्र है. देश में हुई कई आतंकी घटनाओं में वह शामिल रहा है. उस पर कुल 21लाख रूपये का ईनाम घोषित है. जिसमें से दस-दस लाख का ईनाम एनआईए तथा महाराष्ट्र एटीएस द्वारा घोषित किया गया है. यूपी में उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है पर दिल्ली पुलिस के अनुरोध पर यूपी एटीएस उसे खोज रही थी.