बलिया : उत्तरप्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मातहतों को भेजे पत्र में माफिया सरगनाओं के पर्दे के पीछे रहकर सरकारी ठेके हथियाने और रियल एस्टेट के कारोबार को अंजाम देने में जुटे होने का दावा किया है.वाराणसी परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक जी. एल. मीणा ने गत 17 जुलाई को अपने अधीनस्थ अफसरों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी, बृजेश सिंह, मुन्ना बजरंगी, हैदर अली, विश्वास शर्मा, अभिषेक सिंह, कौशल चौबे, गुड्डू सिंह तथा गुलाब सिंह पर्दे के पीछे रहकर बालू, कोयला तथा पत्थर खनन के साथ-साथ परिवहन सम्बन्धी सरकारी ठेके ना सिर्फ हथिया रहे हैं, बल्कि रियल एस्टेट के कारोबार में भी जुटे हैं. यह चिन्ता का विषय है. पत्र के मुताबिक मीणा ने हालिया आपराधिक घटनाओं के मद्देनजर माफिया गिरोह की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिये नये सिरे से रणनीति तैयार की है.
मीणा ने 13 बिन्दुओं पर आधारित उस परिपत्र में सरकारी ठेके में माफिया तत्वों की संलिप्तता की गोपनीय तरीके से छानबीन करने, गिरोहों के सदस्यों, संरक्षण देने वालों तथा सहयोगियों का पता लगाने, अवैध कार्य से अजिर्त की गयी सम्पत्ति की जानकारी इकट्ठा करके गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 की उपधारा एक में सम्पत्ति जब्त करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं.
पुलिस अधीक्षक ओंकार सिंह ने परिपत्र प्राप्त होने की औपचारिक पुष्टि करते हुए बताया कि बलिया जिले में परिपत्र पर कार्रवाई के क्रम में 90 सक्रिय अपराधियों को चिह्नित किया गया है तथा दो लाख रुपए के इनामी फरार बदमाश कौशल चौबे की गिरफ्तारी के लिये पुलिस उपाधीक्षक :नगर: आलोक जायसवाल की अगुवाई में चार सदस्यीय टीम बनायी गयी है.
उल्लेखनीय है कि बलिया में 27 अप्रैल को रात्रि में सिंचाई विभाग के सहायक अभियन्ता वी. बी. सिंह को उनके आवास पर गोली मारी गयी थी. इस मामले में चौबे का नाम सामने आया था. गत तीन जुलाई को वाराणसी में माफिया बृजेश सिंह के चचेरे भाई सतीश सिंह की ठेकेदारी में वर्चस्व को लेकर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में पुलिस जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की भूमिका की जांच कर रही है.इसी तरह गत 19 जुलाई को आजमगढ़ के जीयनपुर में सपा के पूर्व विधायक तथा मौजूदा बसपा नेता सर्वेश सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में भी ठेकेदारी तथा चुनाव की रंजिश का संदेह जाहिर किया जा रहा है.