मायावती के खिलाफ जांच संबंधी याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस

लखनऊ : एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस भेजा है. याचिका में 2007 से 2012 के बीच मायावती के मुख्यमंत्री रहते लखनऊ और नोएडा में स्मारकों और पार्कों के निर्माण में धन के कथित दुरुपयोग को लेकर मायावती और अन्य के खिलाफ जांच […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 19, 2014 2:08 PM

लखनऊ : एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस भेजा है. याचिका में 2007 से 2012 के बीच मायावती के मुख्यमंत्री रहते लखनऊ और नोएडा में स्मारकों और पार्कों के निर्माण में धन के कथित दुरुपयोग को लेकर मायावती और अन्य के खिलाफ जांच कराने का निर्देश उत्तर प्रदेश सरकार को देने का आग्रह अदालत से किया गया है.

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ डी वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की खंड पीठ ने भरत नाथ शुक्ला की जनहित याचिका पर छह सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश राज्य सरकार को दिया.अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 15 जनवरी 2015 मुकर्रर की. याचिकाकर्ता के वकील एच एस जैन ने बताया कि दस्तावेजों तथा लोकायुक्त और भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्टों से इस बात में जरा भी संदेह नहीं कि जनता के धन का गबन किया गया है.

उन्होंने कहा कि याचिका में आरोप है कि परियोजनाओं के नाम पर भ्रष्टाचार चरम पर था और जनता के धन की बडे पैमाने पर हेराफेरी की गयी.याचिकाकर्ता शुक्ला एक कालेज के शिक्षक रह चुके हैं और शिवसेना के प्रवक्ता हैं.

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