।।राजेन्द्र कुमार।।
लखनऊः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की खतरे में पड़ी राष्ट्रीय दल की मान्यता को बचाने के लिए मायावती ने चुनाव आयोग से फरियाद की है.उन्होंने आयोग से आग्रह किया है कि हरियाणा, महराष्ट्र और जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद ही बसपा को मिले राष्ट्रीय दल के दर्जे को खत्म करने के संबंध में कोई निर्णय लें.मायावती को उम्मीद है कि इन तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिले वोट प्रतिशत के आधार पर बसपा को मिला राष्ट्रीय दल का दर्जा बरकरार रहेगा.इसलिए चुनाव आयोग उन्हें वक्त दे.
गौरतलब है कि गत लोकसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सहित शरद पवार की अगुआई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) को मिले राष्ट्रीय पार्टी के तमगे से वंचित करने के संबंध में चुनाव आयोग ने इन तीनों दलों को नोटिस जारी किया था.चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों के तहत किसी पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल करने के लिए कम से कम चार राज्यों में छह फीसदी से ज्यादा मत प्राप्त होने चाहिए अथवा लोकसभा की कुल सीट संख्या कम से कम तीन राज्यों में दो प्रतिशत सीटें हासिल होनी चाहिए या उस पार्टी को कम से कम चार प्रांतों में राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता मिली हो.
यूपी में ही बड़ी चुनावी सफलता हासिल करने वाली बसपा चुनाव आयोग के इन दिशा निर्देशों पर पहले ही खरी नहीं उतर रही थी, बीते लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार ने रही सही कसर भी पूरी कर दी.जातीय की राजनीति करने वाली बसपा एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी, जबकि मायावती ने करीब पांच सौ संसदीय सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए थे.बसपा के इस निराशाजनक प्रदर्शन के आधार पर चुनाव आयोग ने बसपा को मिले राष्ट्रीय दल के दर्जे को वापस लिये जाने के बाबत कारण बताओ नोटिस जारी कर पार्टी सुप्रीमों से जबाव मांगा.
सूत्रों के अनुसार आयोग के इस नोटिस पर मायावती ने पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा से विचार विमर्श के बाद देश के दो नामी वकीलों की राय ली.फिर चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब भेजकर निर्वाचन आयोग से इस साल होने वाले हरियाणा, महाराष्ट्र और जम्मू- कश्मीर के चुनाव नतीजों के बाद ही इस मसले पर कोई फैसला देने की अपील की है.मायावती को उम्मीद है कि इन तीन राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव में हरियाणा अथवा महाराष्ट्र में कम से कम दो सीट मिल जाएगी और वह राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता गंवाने से बच जाएगी.
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा गंवाने की स्थिति में बसपा को निर्वाचन आयोग की ओर से दी जाने वाली एक समान चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने, चुनाव प्रचार के लिए आकाशवाणी और दूरदर्शन का इस्तेमाल कर सकने और नि:शुल्क मतदाता सूचियां प्राप्त करने की सुविधा मिलना बंद हो जाएगी.मायावती को यह मंजूर नहीं है कि बसपा को मिली यह सुविधाएं बद हो.