।।राजेन्द्र कुमार।।
लखनऊः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथों उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) को मिली करारी शिकस्त से मुलायम सिंह यादव सदमें में है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी खासे दुखी है. अखिलेश सरकार के सारे मंत्री भी चुनावी हार से शार्मिंदा हैं. ऐसे में अब चुनावी हार से हुए नुकसान की भरमाई के लिए सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डैमेज कंट्रोल प्लान तैयार किया.
जिसके अनुसार पार्टी संगठन और सरकार के स्तर पर भारी फेरबदल किया जायेगा. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी छोड़ंगे. वही गनर लेकर घूम में रहे सपा कार्यकता और पदाधिकारियों के गनर वापस लिए जाएंगे. चर्चा है कि पार्टी पदाधिकारियों की बैठक चुनावी हार के कारणों पर चर्चा करने के बाद इस प्लान को लागू करने की घोषणा की जाएगी.
सपा नेताओं से प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्टी का हर नेता भाजपा के हाथों मिली पराजय से अचंभित है. सपा के नेता और मंत्री यह समझ नहीं पा रहे हैं कि जिस जातीय समीकरण के आधार पर सपा अब तक सूबे में जीत हासिल करती रही है, उसका सारा ताना-बाना इन चुनावों में कैसे छिन्न भिन्न हो गया. क्यों सूबे की सरकार और सपा की चुनावी रणनीति असरकारी नहीं साबित हुई. और अब ऐसा क्या किया जाए कि सूबे की जनता अखिलेश सरकार और सपा पर गर्व करे. बीते दो दिनों से सपा प्रमुख मुलायम सिंह और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इन सवालों का हल खोजने के लिए सैंकड़ों लोगों के विचार जाने. इन दोनों ने पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं और सेवानिवृत्त हो चुके नौकरशाहों से विचार-विमर्श. तमाम लोगों ने सपा प्रमुख को यही बताया कि पार्टी के सांसद और विधायक अपने क्षेत्रों में लोगों के काम नहीं किए. जनता के साथ उनका जुडाव बेहतर नहीं था. जिसके चलते ही पार्टी की यह गति हुई. सूत्रों के अनुसार लोगों से मिली ऐसी जानकारियों के आधार पर सपा प्रमुख ने पार्टी संगठन और सूबे की सरकार को चुस्त दुरुस्त करने का प्लान तैयार कर लिया है. जिस वह दो तीन दिनों में ही चरणबद्ध तरीके से वह लागू करेंगे.
इस प्लान के अनुसार सूबे में सरकार और संगठन दोनों की छवि को निखारा जाएगा. सूत्रों सपा प्रमुख मुलायम सिंह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को स्वतंत्र तरीके से सरकार चलाने की छूट देंगे. मुख्यमंत्री का सचिवालय हर मंत्री के कामकाज पर नजर रखेगा. मुख्यमंत्री हर सप्ताह किसी एक जिले में जनता से मिलने जाएंगे. सरकारी कामकाज में मुख्यमंत्री की व्यस्तता के चलते पार्टी संगठन का कार्य प्रभावित ना हो इसके लिए मुलायम सिंह सपा के प्रदेश अध्यक्ष का कार्य अखिलेश यादव से लेकर आजम खां या किसी अन्य वरिष्ट नेता को सौंपेंगे. अखिलेश सरकार के तमाम मंत्रियों का कद भी सपा प्रमुख कम करेंगे. सपा नेताओं के गनर लेकर घूमने की प्रवृति पर अंकुश लगाया जायेगा. सपा पदाधिकारियों को मुहैया कराए गए गनर हटाए जाएंगे. बड़ी संख्या में बनाए गए राज्यमंत्रियों के कामकाज की समीक्षा कर काम ना करने वाले मंत्रियों को हटाया जाएगा. नौकरशाही में भी फेरबदल कर सुस्त अफसरों को महत्वहीन पदों पर भेजा जाएगा. विधायकों को भी जनता के प्रति जिम्मेदार बनाने हुए उन्हें अपने क्षेत्र में रहने का निर्देश भी सपा प्रमुख के स्तर से दिया जायेगा.