अलीगढ : उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आज कहा कि संविधान में देश के सभी नागरिकों को समानता का अधिकार होने के बावजूद मुसलमान, खासकर मुस्लिम महिलाएं शिक्षा तथा श्रम शक्ति में भागीदारी के मामले में अन्य के मुकाबले काफी पीछे हैं.
अंसारी ने अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के 61वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय की नजर में उसकी मुख्य प्राथमिकताओं का दायरा भौतिक सुरक्षा, शिक्षा तथा रोजगार तक सीमित है. इनमें से हर क्षेत्र में कुछ सकारात्मक कदम उठाये गये हैं लेकिन अभी काम पूरा नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि जहां तक मुसलमानों का सवाल है तो उनकी नयी पीढी आत्मविश्वास से परिपूर्ण है और वह समानता का अधिकार तथा निर्णय लेने में अपनी हिस्सेदारी हासिल करने की बेहतर कोशिश कर रही है.
अंसारी ने जोर देकर कहा कि सच्चर समिति समेत विभिन्न अध्ययनों में यह तथ्य रेखांकित किया गया है कि कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मुसलमान बहुत पीछे हैं और इस अंतर को भरने की जरूरत है.
अल्पसंख्यकों के प्रति सरकार की जिम्मेदारी को स्पष्ट करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार पर अल्पसंख्यकों को बराबरी पर लाने के लिये कुछ निश्चित जिम्मेदारियां हैं. इसके क्रियान्वयन को और विस्तार तथा गहराई देने की जरुरत है.
हालांकि उन्होंने सभी नागरिकों को याद दिलाया कि अगर वे सरकार से कोई अपेक्षा रखते हैं तो उन्हें भी प्रक्रिया में भागीदार बनना होगा, उसमें मदद करनी होगी और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय होकर काम करना पडेगा.