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Friday, March 29, 2024

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राजस्थान : भर्ती परीक्षाओं में धोखाधड़ी की, तो 10 करोड़ रुपये जुर्माना, 10 साल की सजा

भर्ती परीक्षाओं में धोखाधड़ी, अनुचित साधनों के इस्तेमाल व पेपर लीक जैसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कड़े प्रावधानों वाला विधेयक बृहस्पतिवार को राजस्थान विधानसभा में पारित किया गया.

जयपुर: राजस्थान सरकार ने भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी रोकने के लिए एक बेहद कड़ा कानून पास किया है. इसमें परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों के लिए 10 करोड़ रुपये तक जुर्माना और 5 से 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. वहीं परीक्षार्थी को दो साल तक किसी भी परीक्षा में शामिल होने के अयोग्य करार दिया जायेगा.

भर्ती परीक्षाओं में धोखाधड़ी, अनुचित साधनों के इस्तेमाल व पेपर लीक जैसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कड़े प्रावधानों वाला विधेयक बृहस्पतिवार को राजस्थान विधानसभा में पारित किया गया. इस विधेयक पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सदन में भावुक हो गये. उन्होंने भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी के लिए कोचिंग संस्थानों पर निशाना साधा.

अशोक गहलोत सरकार ने पास किया ये विधेयक

सदन ने राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय) विधेयक, 2022 (The Rajasthan Public Examination (measures for prevention of unfair means in recruitment) Bill, 2022) को चर्चा के बाद पारित किया. उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र सिंह यादव ने चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि इस विधेयक में दोषी पाये जाने पर 10 साल तक की जेल और 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने जैसे कड़े प्रावधान हैं.

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही अगर कोई परीक्षार्थी इसके किसी उपबंध के तहत दोषी पाया जाता है, तो वह दो साल तक किसी प्रतियोगी परीक्षा में नहीं बैठ सकेगा. उल्लेखनीय है कि यादव ने 24 फरवरी को यह विधेयक सदन में पेश किया था. इस विधेयक में संपत्तियों की कुर्की/जब्ती का भी प्रावधान किया गया है.

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विधेयक का उद्देश्य

इस विधेयक का उद्देश्य स्वायत्त निकायों, प्राधिकारियों, बोर्डों या निगमों सहित राज्य सरकार के अधीन किसी पद पर भर्ती हेतु आयोजित होने वाली सार्वजनिक परीक्षाओं में प्रश्न पत्रों के प्रकटन और अनुचित साधनों के उपयोग की रोकथाम व नियंत्रण के लिए प्रभावी उपायों की व्यवस्था करना है.

विधेयक की खास बातें

  • विधेयक में उल्लिखित प्रावधानों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति, समूह या किसी सामग्री से सार्वजनिक परीक्षा में अनधिकृत सहायता लेता पाया जाता है, तो उसे 3 साल तक की कैद और कम से कम 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा.

  • परीक्षार्थी सहित कोई व्यक्ति प्रश्न पत्र के प्रतिरूपण या प्रकटन या प्रकटन का प्रयास या प्रकटन का षड्यंत्र करता है या अनधिकृत तरीके से प्रश्न पत्र को हल करता है/ हल करने का प्रयास करता है या सार्वजनिक परीक्षा में अनधिकृत तरीके से परीक्षार्थी की सहायता करता है, तो ऐसे मामलों में दोष सिद्ध होने पर 5 साल से 10 साल तक की सजा और 10 लाख रुपये से 10 करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाया जायेगा.

  • अगर कोई परीक्षार्थी इसके प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया जाता है, तो वह दो साल तक कोई भी सार्वजनिक परीक्षा में नहीं बैठ पायेगा.

  • विधेयक में दोषी व्यक्ति की चल-अचल संपत्ति की कुर्की का भी सशर्त प्रावधान है.

REET की परीक्षा करनी पड़ी थी रद्द

ज्ञात हो कि इसी साल फरवरी में राज्य सरकार ने राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (REET) पेपर लीक होने के कारण सितंबर, 2021 में आयोजित रीट लेवल-2 की परीक्षा रद्द कर दी थी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए विधेयक लाने का भी ऐलान किया था.

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बीमारी की जड़ हैं कोचिंग संस्थान

वहीं, इस विधेयक पर चर्चा करते हुए उपनेता गुलाब चंद कटारिया भावुक हो गये. उन्होंने भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक जैसी घटनाओं को लेकर कोचिंग संस्थानों पर निशाना साधा. कटारिया ने कहा, ‘इस बीमारी की जड़ कोचिंग संस्थान हैं. अगर मार करना चाहते हैं, तो यहां करो. तभी इस संकट पर रोक लगेगी.’

Posted By: Mithilesh Jha

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