Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा में गलियों के आवारा कुत्तों के संकट का मुद्दा उठाया गया. विधायक और प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख बच्चू कडू ने महाराष्ट्र विधानसभा में आवारा कुत्तों से होने वाली समस्याओं पर चर्चा के दौरान बोलते हुए एक ऐसा बयान दिया, जिसने एक विवाद को जन्म दिया. दरअसल, विधायक बच्चू कडू ने कहा कि महाराष्ट्र के गलियों के आवारा कुत्तों को असम भेजा जाए, क्योंकि वहां इनकी काफी डिमांड है और इनकी कीमत भी है. बच्चू कडू के मुताबिक, असम में स्थानीय लोग कुत्तों का सेवन करते हैं. उन्होंने कहा कि स्ट्रीट डॉग्स का यही सही इलाज है. जहां तक बात पालतू कुत्तों की है तो वे अगर सड़कों पर आते हैं, तो कार्रवाई करें.
रिजल्ट की स्टडी करके अन्य शहरों में भी लागू किया जाए प्लान
प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख बच्चू कडू के साथ ही महाराष्ट्र विधानसभा में विधायक प्रताप सरनाइक, अतुल भातखलकर, सुनील टिंगरे ने भी लावारिस कुत्तों पर कार्रवाई की मांग की. बच्चू कडू ने कहा कि इसके लिए एक समिति तैयार करने की बजाए एक एक्शन प्लान तैयार किया जाना चाहिए. जिसको एक्सपेरिमेंटल तौर पर पहले एकाध शहरों में आजमाया जाए फिर उसके रिजल्ट की स्टडी करके अन्य शहरों में भी लागू किया जाए.
असम में खाया जाता है कुत्तों का मांस: बच्चू कडू
बच्चू कडू ने कहा कि असम में आठ से नौ हजार रुपयों में कुत्ते बेचे जाते हैं. उन्होंने कहा कि हम जब गुवाहाटी गए, तब हमें पता चला, जिस तरह हमारे यहां बकरे का मांस खाया जाता है, वहां उसी तरह कुत्तों का मांस खाया जाता है. विधायक ने कहा, इसलिए वहां से व्यापारियों को बुलाकर इसका उपाय करना जरूरी है. एक दिन इस संकट का उपाय जरूर निकलेगा. इसके लिए वहां की सरकार से बात करने की जरूरत है. इसका बिजनेस भी होगा और यहां से संकट दूर भी हो जाएगा.
चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक ने कही ये बात
वहीं, इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक नितेश राणे ने कहा कि 2019 से रोज सुबह नौ बजे एक आवारा कुत्ते से पूरे महाराष्ट्र को परेशानी हो रही है. उसका भी इंतजाम जरूरी है. यह बयान देते हुए नितेश राणे ने विधानसभा में बोलते हुए राज्यसभा सांसद संजय राउत का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा और उनका जिक्र गलियों में भटकने वाले आवारा कुत्तों से कर डाला. विधानसभा स्पीकर ने उन्हें बैठने की सलाह देकर उन्हें ज्यादा बोलने से रोका.