Global Teacher Prize: भारत के एक टीचर को वर्ल्ड लेवल पर सम्मान मिला है. ग्लोबल टीचर प्राइज में महाराष्ट्र के सोलापुर के एक प्राइमरी टीचर को 7 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया गया है. टीचर का नाम रंजीत सिंह डिसले है. खास बात यह है कि रंजीत सिंह डिसले पहले भारतीय हैं, जिन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान मिला है. इसके साथ ही रंजीत सिंह डिसले को बधाईयां देने वालों का तांता लग गया.
बालिका शिक्षा के क्षेत्र में कई काम
लंदन के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम में आयोजित खास कार्यक्रम में हॉलीवुड के मशहूर एक्टर स्टीफन फ्राय ने रंजीत डिसले के नाम को अनाउंस किया. रंजीत सिंह डिसले ने बालिका शिक्षा की दिशा में उत्कृष्ट योगदान दिया है. बेटियों को शिक्षित बनाने में उन्होंने काफी काम किया है. उन्होंने क्यूआर कोड को किताबों से जोड़ा. डिजिटल दौर में उनकी कोशिश को दुनियाभर में सलाम किया जा रहा है. उनके सम्मानित होने पर महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी और सीएम उद्धव ठाकरे ने खुशी जाहिर की है.
‘दुनिया में बदलाव लाते हैं टीचर’
2014 में वारके फाउंडेशन ने शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण काम करने वालों को सम्मानित करने के मकसद से ग्लोबल टीचर प्राइज की शुरूआत की थी. इसके बाद पहली बार भारत के किसी शिक्षक को ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए चुना गया. रंजीत सिंह डिसले के मुताबिक ‘दुनियाभर में बदलाव लाने वाले सिर्फ टीचर होते हैं. एक टीचर अपने हाथों में चॉक लेकर दुनिया की चुनौतियों को सॉल्व करने वाले होते हैं.’
50 फीसदी राशि बांटने का ऐलान
रंजीत सिंह डिसले ने पुरस्कार में मिली राशि के आधे हिस्से से साथी प्रतिभागियों की मदद करने का ऐलान किया है. जिससे उनके योगदान को भी वैश्विक स्तर पर सम्मान मिल सके. कहने का मतलब है कि रंजीत सिंह डिसले इनाम में मिली राशि के पचास फीसदी हिस्से को खुद के साथ चयनित अन्य 9 टीचर्स में बांटने वाले हैं. इससे हजारों छात्रों को स्कॉलरशिप मिलेगी. वो हायर एजुकेशन से अपने सपनों को पंख देंगे.
Posted : Abhishek.